नयी दिल्ली : कप्तान केन विलियमसन के शतक और भारतीय बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण टीम इंडिया का फिरोजशाह कोटला मेंपिछले 11 साल से किसी भी प्रारुप में चला आ रहा विजय अभियान थम गया. कल खेले गये दूसरे वनडे में न्यूजीलैंड ने भारत को 6 रन से हरा दिया. हालांकि मेहमान टीम ने भारत के सामने छोटा सा लक्ष्य रखा था, लेकिन गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर भारतीय बल्लेबाजों ने मैच हाथ से निकल जाने दिया.
ये पांच बड़ी वजह हैं हार के लिए
1. बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन
भारतीय टीम की हार के लिए सबसे बड़ी वजह बल्लेबाजी रही है. बल्लेबाजों ने अपना लचर प्रदर्शन दिखाया जिसके कारण टीम को हार का सामना करना पड़ा. भारत का नियमित अंतराल में विकेट गिरता चला गया. हार के लिए कप्तान धौनी ने भी बल्लेबाजों को जिम्मेवार ठहराया है. उन्होंने माना नियमित अंतराल में विकेट गंवाना टीम को महंगा पड़ा.
2. साझेदारी का अभाव
कल के मैच में हार के लिए कहीं न कहीं एक मात्र जिम्मेवारी बल्लेबाजों की ही रही. ओपनरों ने सही शुरुआत नहीं दी. रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे की जोड़ी कल कुछ खास नहीं कर पायी और दोनों की जोड़ी महज 21 रन पर ही टूट गयी. शर्मा मात्र 15 रन बनाकर आउट हो गये. इसके बाद कोई भी बड़ी साझेदारी बल्लेबाजों के बीच नहीं बनी. लगातार विकेट गिरने से हार का रास्ता साफ होता गया. टॉप ऑडर ने कल के मैच में निराश किया. विराट कोहली का बल्ला भी कल के मैच में रूठ गया. उन्होंने मात्र 9 रन की पारी खेली.
3. न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन का शतक
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम की भी हालत खराब थी, लेकिन कप्तान केन विलियमसन ने शानदार पारी खेली और अपनी टीम को सम्मानजनक स्कोर पर लाकर खड़ा कर दिया. उन्होंने 118 रनों की पारी खेली. एक छोर से विकेट गिर रहे थे और कप्तान केन दूसरी ओर से पिच पर जमे हुए थे.
4. पिच धीमी होती चली गयी
हार के लिए पिच की भी बड़ी भूमिका रही. जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता गया पिच धीमी होती गयी. कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने भी माना कि पिच मैच आगे बढ़ने के साथ धीमी होती जा रही थी. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने कहा कि इस छोटे लक्ष्य को पाया जा सकता था.
5. धौनी का फैसला कहीं उलटा तो नहीं पड़ गया
करिश्माई कप्तान महेंद्र सिंह अपने अनोखे फैसले के लिए जाने जाते हैं. कल के मैच में कहीं धौनी का टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला उलटा साबित तो नहीं हुआ. भारत का सबसे मजबूत पक्ष बल्लेबाजी है. पहले बल्लेबाजी करने से टीम इंडिया मेहमानों के सामने बड़ी लक्ष्य रख सकते थे. हालांकि इस बारे में जब धौनी से पूछा गया तो उन्होंने इस बात से इनकार किया कि फैसला गलत था.
धौनी ने कहा, ‘‘टास जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करना सही फैसला था. यदि हमें थोड़ा भी आभास होता है कि ओस पड़ेगी तो हम पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला करते हैं. हम जानते हैं कि ओस पड़ने पर हमारे स्पिनर अधिक प्रभावी नहीं होते. इसलिए जहां भी हमें लगता है कि ओस पड़ेगी वहां हमारी प्राथमिकता बाद में बल्लेबाजी करना होता है. ‘

