नयी दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हाशिम अमला ने भारत के खिलाफ चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट में अपनी टीम के बेहद रक्षात्मक होकर खेलने की रणनीति का बचाव करते हुए कहा कि कोई भी टीम आसान गेंदों को रक्षात्मक तरीके से नहीं खेलना चाहती लेकिन स्थिति की मांग थी कि जोखिम भरे शाट नहीं खेले जाएं.
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धीमी बल्लेबाजी पर बोले हाशिम अमला, टीम की रणनीति का किया बचाव
नयी दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हाशिम अमला ने भारत के खिलाफ चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट में अपनी टीम के बेहद रक्षात्मक होकर खेलने की रणनीति का बचाव करते हुए कहा कि कोई भी टीम आसान गेंदों को रक्षात्मक तरीके से नहीं खेलना चाहती लेकिन स्थिति की मांग थी कि जोखिम भरे शाट […]
भारत के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला 0-3 से गंवाने के बाद अमला ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा कि कोई भी प्रत्येक गेंद को रक्षात्मक होकर नहीं खेलना चाहता. आप रन बनाना चाहते हो.” भारत ने दक्षिण अफ्रीका को चौथे टेस्ट में जीत के लिए 481 रन का लक्ष्य दिया और मेहमान टीम ने मैच बचाने के लिए बेहद रक्षात्मक रवैये के साथ बल्लेबाजी की लेकिन टीम 143 रन पर आउट हो गई.
अमला ने कहा, ‘‘समय की मांग थी कि हम अधिक से अधिक समय तक बल्लेबाजी करें. जोखिम भरे शाट से दूर रहना था. फुलटास और हाफ वाली को रक्षात्मक होकर खेलना काफी मुश्किल होता है.” उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी अस्वाभाविक बल्लेबाजी थी लेकिन जब ऐसा किया जाता है तो आपको प्रतिबद्धता की सराहना करनी पड़ती है और एबी (डिविलियर्स) इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. टीम के लिए रक्षात्मक होकर खेलने का प्रयास करना और स्वार्थी नहीं होना.”
अमला ने कहा कि उन्हें विश्वास था कि वे मैच बचा लेंगे जैसा कि उन्होंने तीन साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में किया था. उन्होंने कहा, ‘‘हमें निश्चित तौर पर विश्वास था कि ऐसा हो सकता है. लंच तक हमने सिर्फ तीन विकेट गंवाए थे, निश्चित तौर पर हमें विश्वास था कि हम ऐसा कर सकते हैं. हमें पता था कि अंतिम सत्र और अंतिम घंटा हमेशा मुश्किल होता है. एक या दो विकेट गंवाओ तो फिर आठवें, नौवें और 10वें नंबर के बल्लेबाज के लिए टिकना मुश्किल होता है.”
अमला ने कहा, ‘‘हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. एबी डिविलियर्स ने हमारे लिए मैच बचाने का शानदार प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्य से हम वहां तक नहीं पहुंच पाए जहां पहुंचना चाहते थे.” दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने स्वीकार किया कि अगर लक्ष्य 481 रन से कम होता तो वे इसे हासिल करने की कोशिश करते.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप यहां मौजूदा कुछ लोगों से पूछे कि क्या हम 480 रन बना सकते हैं, मुझे नहीं लगता कि काफी लोग हाथ खड़ा करेंगे. यह काफी बड़ा लक्ष्य था विशेषकर अगर पांच सत्र बल्लेबाजी करनी हो तो. हमें लगा कि मैच बचाने का प्रयास करना ही सर्वश्रेष्ठ है.”
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