साहिबगंज (नवीन कुमार) : साहिबगंज जिले के उधवा प्रखंड के पूर्वी प्राणपुर के जितनगर का अस्तित्व संकट में है. गंगा नदी के कटाव से लोगों में दहशत है. आपको बता दें कि वर्षों से गंगा नदी के तट पर बसे जितनगर गांव के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इससे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
जितनगर गांव वर्षों से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. दियारा क्षेत्र में करीब दो दशक से गंगा नदी का कटाव जारी है. इस वर्ष गंगा नदी से जितनगर गांव डूब गया है. गंगा से कई गांवों का अस्तित्व मिट गया है. इस वर्ष उत्तर पलाशगाछी के कई घर गंगा के गर्भ में समा गये हैं. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को इसक्षेत्र के लोगों ने ज्ञापन सौंपा था. जिले के कई गांव गंगा के गर्भ में समा जाने की कगार पर हैं
गंगा नदी के कटाव से निजात दिलाने की दिशा में अब तक कोई कार्य नहीं हुआ है. गंगा नदी के कटाव के कारण 20 वर्षों से ग्रामीण परेशान हैं. इनकी जिंदगी नर्क बन गयी है. इतना ही नहीं, कटाव से सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि नदी में समा गयी है. इससे विकास मंडल, पिंटू मंडल, सैमोल मंडल, फीटू शेख, इकरामुल शेख, सुबोल घोष, बीरबल मंडल, भीम मंडल, नोकुल मंडल, दिनेश घोष, खगेन घोष, फेकन मंडल, ऐनुल शेख, अलंगीर आलम, पालकु साधु, तेतरू घोष, अभिलाष घोष, टोना रोबिदास, एनामुल शेख, बाबलु शेख सहित अन्य को रोजी-रोटी देने वाली उपजाऊ जमीन से हाथ धोना पड़ा है.
ग्रामीणों की रोजी रोटी का एक मात्र साधन उनका जमीन ही था, जो कि गंगा में समा गया. कोरोना महामारी के चलते उक्त क्षेत्र के लोगों को तंगी का सामना करना पड़ रहा है. उक्त क्षेत्र के लोगों ने सरकार एवं जिला प्रशासन से बचाव राहत पैकेज की मांग की है. गंगा कटाव पीड़ित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत दूसरे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने एवं तत्काल आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा है कि सरकार को गंगा कटाव रोकने को लेकर तेजी से पहल करनी चाहिए.
Posted By : Guru Swarup Mishra