Thursday Puja: यदि आपके घर पर केले का पेड़ नहीं है, तो भी आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा कर सकते हैं. पूजा के लिए केले का पेड़ केवल एक प्रतीक है, और आप बिना इसके भी पूरी श्रद्धा के साथ पूजा कर सकते हैं.
केले के पेड़ के बिना गुरुवार की पूजा कैसे करें?
भगवान विष्णु की पूजा की तैयारी
सबसे पहले अपने पूजा स्थल को साफ करें और एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं. इस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें. पीला रंग भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है, इसलिए इसका उपयोग करना शुभ होता है.
आवश्यक पूजा सामग्री
- केले के पेड़ के स्थान पर आप इन चीजों का उपयोग कर सकते हैं:
- पीले फूल: गेंदे के फूल या कोई भी पीले रंग का फूल चढ़ाएं.
- पीले फल और मिठाई: केला, बेसन के लड्डू, या गुड़ जैसी पीली चीजें अर्पित करें.
- हल्दी: एक कटोरी में थोड़ी सी हल्दी और पानी मिलाकर पेस्ट बना लें.
- जल का कलश: पूजा के लिए एक छोटे कलश में पानी भरकर रखें.
- दीपक और धूप: गाय के घी का दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती दिखाएं.
पूजा विधि
- संकल्प: सबसे पहले हाथ में थोड़ा जल लेकर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए व्रत और पूजा का संकल्प लें.
- पूजा: भगवान विष्णु को प्रणाम करें. उन्हें पीले फूल, हल्दी का तिलक और गुड़ अर्पित करें.
- मंत्र जाप: यदि संभव हो, तो विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. अगर यह संभव न हो, तो ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें.
बृहस्पति देव का ध्यान
भगवान विष्णु की पूजा के बाद बृहस्पति देव का ध्यान करें. उन्हें भी हल्दी का तिलक लगाएं और अपनी मनोकामना बताएं.
आरती: अंत में, भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आरती करें.
कुछ महत्वपूर्ण बातें
- पूजा में सबसे जरूरी चीज आपकी सच्ची श्रद्धा और मन की पवित्रता है.
- अगर आपके लिए संभव हो, तो पूजा स्थल के पास प्रतीकात्मक रूप से केले का एक छोटा पौधा रख सकते हैं.
- व्रत के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.
- याद रखें, पूजा का असली महत्व वस्तुओं में नहीं, बल्कि आपकी आस्था और भक्ति में होता है. आप इन सरल तरीकों से बिना किसी परेशानी के अपनी पूजा पूरी कर सकते हैं.

