Happy Makar Sankranti 2021, Makar Sankranti 2021 Puja Vidhi, Muhurat, Puja Samay Time, Samagri in Hindi : आज मकर संक्रांति का पर्व है. वहीं, आज माघ मेला का पहला स्नान भी है. इस दिन स्नान और दान के लिए विशेष दिन होता है. मान्यता है कि आज गरीबों को दान करने पर सूर्यदेव की कृपा बरसती है. सभी राशियों के स्वामी भगवान सूर्य आज 14 जनवरी दिन गुरुवार की सुबह 08 बजकर12 मिनट पर धनु राशि की यात्रा समाप्त करके अपने पुत्र शनिदेव की राशि मकर में प्रवेश करेंगे. इस राशि पर गोचर करते ही सूर्य उत्तरायण की यात्रा आरम्भ करेंगे. आइए जानते है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, स्नान-दान करने का शुभ समय और मकर संक्रांति से जुड़ी कुछ महत्वपूण बातें...
इस बार मकर संक्रांति पर मकर राशि में कई महत्वपूर्ण ग्रह एक साथ गोचर करेंगे. इस दिन सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. जोकि एक शुभ योग का निर्माण करते हैं
मकर संक्रांति पर पुण्य काल का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि पुण्य काल में पूजा और दान करने से मकर संक्रांति का पूर्ण लाभ मिलता है. मकर संक्रांति आज भगवान सूर्य सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक बना रहेगा.
दान-पुण्य और स्नान का पर्व मकर संक्रांति है. इस बार मकर संक्राति पर पंचग्रही योग बना है. ज्योतिष के अनुसार यह योग 37 साल बाद बना है. श्रद्धालु 37 साल बाद इस योग में पुण्य की डुबकी लगाएंगे. आज श्रद्धालु घाट किनारे स्नान कर पूजा-अर्चना, अंजलि से ही सूर्य को अर्घ्य देंगे. इसके बाद गंगापुत्र घाटियों के यहां तिलक-चंदन लगवाएंगे और यथाशक्ति दान-दक्षिणा देंगे. वहीं, खिचड़ी के साथ ही पूछ पकड़कर गोदान भी करेंगे. मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही सूर्य देव उत्तरायण हो जाएंगे.
इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा और पावन नदियों में स्नान कर दान करते हैं. मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का वध कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था. तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को मकर संक्रांति पर्व के रूप में मनाया जाता है.
हर राज्य में मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम..
हरियाणा, पंजाब व दिल्ली के कुछ स्थानों में लोहड़ी,
उत्तराखंड में उत्तरायणी,
गुजरात में उत्तरायण,
केरल में पोंगल,
गढ़वाल में खिचड़ी संक्रांति
झारखंड, बिहार, बंगाल में मकर संक्रांति के नाम से प्रसिद्ध है यह त्योहार
मकर राशि में सूर्य के प्रवेश को देवताओं के दिन का प्रातः काल माना गया है. इसीलिए वर्ष की सभी संक्रांतियों में मकर संक्रांति का समय सर्वाधिक पुण्य फल दायक होता है. इस दिन किया गया स्नान, जप-तप, पूजा-पाठ, दान पुण्य का फल अक्षुण रहता है. दिन का आरम्भ स्नान ध्यान और दान के साथ करना चाहिए.
मकर संक्रांति पर तिल के दान का खास महत्व होता है. इस दिन ब्राह्माणों को तिल से बनी चीजों का दान करना सबसे अधिक पुण्यकारी माना जाता है. वहीं, इस दिन भगवान विष्णु, सूर्य और शनिदेव की भी तिल से पूजा की जाती है. मान्यता है कि शनि देवता ने अपने क्रोधित पिता सूर्य देव की पूजा काले तिल से ही की थी, जिससे सूर्य देव प्रसन्न हो गए थे.
आज मकर संक्रांति है. इस दिन सूर्य देव सुबह 8 बजकर 30 मिनट यानी साढ़े 8 बजे धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसी के साथ मकर संक्रांति की शुरुआत हो जाएगी. आज सुबह से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा पुण्य काल का समय रहेगा. हालांकि, महापुण्य काल प्रात: काल में ही रहेगा. माना जाता है कि पुण्य काल में स्नान-दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है.
इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है, इसके साथ ही सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं. मान्यता है कि इस दिन से देवताओं के दिन शुरू हो जाते हैं. इसलिए आज का दिन बेहद खास माना जाता है. सूर्यदेव को जल, लाल फूल, लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, अक्षत, सुपारी और दक्षिणा अर्पित की जाती है. पूजा के उपरांत लोग अपनी इच्छा से दान-दक्षिणा करते हैं. वहीं, इस दिन खिचड़ी का दान भी विशेष महत्व रखता है.