Kartik Month Lord Vishnu Puja: 8 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास की शुरुआत हो रही है. यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु चार महीनों की योगनिद्रा के बाद कार्तिक मास में जागते हैं. इस अवधि में भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं. यही कारण है कि हिंदू धर्म में इस महीने को बेहद पवित्र और खास माना गया है. इस महीने दान-पुण्य, स्नान और पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व होता है.
कार्तिक मास में कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा?
कार्तिक मास के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. यदि संभव हो, तो इस महीने गंगा नदी, या किसी अन्य नदी, तालाब या कुएं के जल से स्नान करें. ऐसा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. स्नान के बाद पूजा स्थल की सफाई करें और घर में गंगाजल का छिड़काव करें. इसके बाद भगवान विष्णु का आह्वान करें और उन्हें धूप, अगरबत्ती, फूल, फल और अक्षत अर्पित करें. फिर भगवान विष्णु को भोग लगाएं और उनके मंत्रों का जाप करें.
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किन मंत्रों का करें जाप?
1️) नारायण गायत्री मंत्र
“ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि.
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥”
2️) ॐ नमो नारायणाय
3️) ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
भगवान विष्णु को कौन-सा भोग अर्पित करें?
भगवान विष्णु को केला, पंचामृत, गुड़, चने और मखाने की खीर का भोग अर्पित करना चाहिए. माना जाता है कि ये सभी वस्तुएं भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं. ऐसा करने से भगवान नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
भगवान विष्णु की आराधना के समय कौन-से रंग का वस्त्र पहनें?
माना जाता है कि भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है. इसलिए उनकी पूजा या आराधना के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.
कार्तिक मास में पूजा के दौरान क्या न करें?
इस पूरे महीने क्रोध, अपशब्दों का प्रयोग और झगड़ा करने से बचना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे पूजा का फल कम हो जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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