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Dhanteras 2021 Shubh Muhurat : धनतेरस पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त, राशि के अनुसार क्या खरीदें क्या न खरीदें

Dhanteras 2021 Shubh Muhurat for Gold Purchase: दिवाली के महापर्व की शुरआत धनतेरस से हो जाती है. मान्यता है इस दिन विधि विधान की गई पूजा अर्चना करने से घर परिवार में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है. जानिए धनतेरस की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, आरती, महत्व

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धनतेरस पर मेष, वृषभ, मिथुन और कर्क राशि वाले ये खरीदें

मेष राशि- मेष राशि के जातकों को धनतेरस पर चांदी के बर्तन खरीदने चाहिए. आप कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं.

वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातकों को धनतेरस पर सोने, चांदी या हीरे की वस्तु या गहने खरीदने चाहिए यह काफी शुभ है.

मिथुन राशि- मिथुन राशि के जातकों को धनतेरस पर सोने के गहने खरीदने चाहिए. आप हरे रंग की कोई चीज भी खरीद सकते हैं.

कर्क राशि- कर्क राशि के जातकों धनतेरस पर चांदी का श्रीयंत्र ले सकते हैं. इससे सालभर आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.

धनतेरस पर सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि वाले ये खरीदें

सिंह राशि- सिंह राशि के लोगों को धनतेरस पर सोना खरीदना चाहिए. यह काफी शुभ होगा. अगर आप सोने की चीजें नहीं खरीद सकते तो तांबे के बर्तन खरीदें.

कन्या राशि- कन्या राशि के लोगों को धनतेरस पर कांसे या हाथी-दांत से बनी चीजें खरीदनी चाहिए. इससे धन में वृद्धि होगी.

तुला राशि- तुला राशि के लोगों को धनतेरस पर सौंदर्य से संबंधित वस्तुएं खरीदनी चाहिए. आप माता लक्ष्मी के लिए श्रृंगार का सामान भी खरीद सकते हैं.

वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के लोगों को धनतेरस पर सोने के गहने , सिक्के या तांबे के बर्तन खरीदने चाहिए. इसके अलावा आप हनुमान जी के लिए चांदी का गदा भी खरीद सकते हैं.

धनतेरस पर धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले ये खरीदें 

धनु राशि- धनु राशि के लोग धनतेरस पर वाहन खरीद सकते हैं. इस दिन आप चांदी के आभूषण, बर्तन, चांदी के सिक्के भी खरीद सकते हैं.

मकर राशि- मकर राशि के जातकों के लिए धनतेरस के दिन वाहन और सजावट की चीजें खरीदनी चाहिए. आप चांदी और स्टील के बर्तन भी खरीद सकते हैं.

कुंभ राशि- इस राशि के लोगों को धनतेरस पर चांदी और स्टील के बर्तन की खरीदारी करना शुभ और अत्यधिक फलदायी है.

मीन राशि- मीन राशि के जातक इस दिवाली चांदी के बर्तन या आभूषण खरीदें. चांदी मीन राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ मानी गई है.

धनतेरस पर दीपदान परंपरा से जुड़ी है यह पौराणिक कथा

धनतेरस के दिन यमराज के नाम से दीपदान किया जाता है. इस परंपरा के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है जिसके अनुसार एक समय यमराज ने अपने दूतों से पूछा कि क्या कभी तुम्हें प्राणियों के प्राण लेते समय किसी पर दयाभाव आया है. तब वे संकोच में आकर बोलते हैं नहीं महाराज. यमराज ने उनसे फिर दुबारा यही सवाल पूछा तो उन्होंने संकोच छोड़ बताया कि एक बार एक ऐसी घटना घटी थी जिससे हमारा हृदय कांप उठा था. एक बार हेम नामक राजा की पत्नी ने एक पुत्र का जन्म दिया तो ज्योतिषियों ने नक्षण गणना करके बताया कि जब इस बालक का विवाह होगा, उसके चार दिन बाद ही इसकी मृत्यु हो जाएगी. यह जानकर राजा ने बालक को यमुना तट की गुफा में ब्रह्मचारी के रूप में रखकर बड़ा किया. एक बार जब महाराज हंस की युवा बेटी यमुना तट पर घूम रही थी ​तो उस ब्रह्मचारी बालक ने मोहित होकर उससे गंधर्व विवाह कर दिया. लेकिन विवाह के चौथे दिन ही वह राजकुमार मर गया. पति की मृत्यु देखकर उसकी पत्नी बिलख-बिलख कर रोने लगी और उस नवविवाहिता का विलाप देखकर हमारा यानि यमदूतों का हृदय कांप उठा. तभी एक यमदूत ने यमराज से पूछा कि ‘क्या अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय नहीं है?’ यमराज बोले- एक उपाय है. अकाल मृत्यु से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को धनतेरस के दिन पूजा करने के साथ ही विधिपूर्वक दीपदान भी करना चाहिए. इसके बाद अकाल मृत्यु का डर नहीं सताता. तभी से धनतेरस पर यमराज के नाम से दीपदान करने की परंपरा है.

Dhanteras 2021: धनतेरस के दिन यम दीप जलाने की है परंपरा

धनतेरस के दिन यम के नाम से दीपदान की परंपरा पुरातन काल से चली आ रही है और इस दिन यमराज के लिए आटे का चौमुख दीपक बनाकर उसे घर के मुख्य द्वारा पर रखा जाता है. घर की महिलाएं रात के समय इस दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलाती हैं. इस दीपक का मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है. दीपक जलाते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके ‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्’ मंत्र का जाप किया जाता है.

धनतेरस के साथ शुरू हो चुका है 5 दिवसीय दीपावली उत्सव

धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपावली उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. इस 5 दिवसीय उत्सव में पहले धनतेरस, दूसरा नरक चतुर्दशी, तीसरा दीपावली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवां भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है. इन पांच दिनों के उत्सव में हर दिन अपना अलग महत्व है.

Dhanteras 2021: धनतेरस पर धनवंतरि की आराधना का महत्व

धनतेरस के दिन आरोग्य की प्राप्ति के लिए भगवान धनवंतरि की पूजन करते हैं. धनवंतरि को आयुर्वेद का प्रवर्तक और देवताओं का वैद्य माना गया है. पारंपरिक मान्यता के अनुसार पृथ्वी लोक में धनवंतरि का अवतरण समुद्र मंथन से हुआ था. शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरि, चतुर्दशी को काली माता, अमावस्या को भगवती लक्ष्मी का सागर से प्रादुर्भाव हुआ. इसी कारण दीपावली के दो दिन पूर्व त्रयोदशी को भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. भगवान धनवंतरि को हर तरह के रोगों से मुक्ति दिलाने वाला देव माना गया है.

Dhanteras 2021: धनतेरस दीपदान के समय इस मंत्र का करें जाप

- मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।

- त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीयतामिति।।

मंत्र का अर्थ - यमुना यमराज की बहन हैं. इसलिए धनतेरस के दिन यमुना-स्नान का विशेष महत्व है.

Dhanteras 2021: धनतेरस के दिन शाम को करें दीपदान

यमराज को दीपदान के लिए सायंकाल व्याप्त त्रयोदशी की प्रधानता मानी जाती है. इसलिए मंगलवार शाम त्रयोदशी तिथि मिलने के कारण दो नवंबर को ही धनतेरस मनाया जा रहा है. धनतेरस के दिन सोना-चांदी, पीतल के बर्तन की खरीदारी करना शुभ माना गया है. इस दिन शाम को घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर एक पात्र में अन्न रखकर उस पर यमराज के निमित्त दक्षिणाभिमुख दीपदान करना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि दीपदान करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अल्पआयु के दोष का निवारण होता है.

Dhanteras 2021: धनतेरस शाम का शुभ मुहूर्त

2 नवंबर को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 11 मिनट तक है. इस दिन यम के नाम का दीपक जलाने का समय शाम 05:35 बजे से 06:53 बजे तक का है.

Dhanteras 2021: मेकिंग चार्ज

आम तौर पर, आभूषण के टुकड़ों की तुलना में सिक्कों के लिए मेकिंग चार्ज कम होता है. मेकिंग चार्ज अलग-अलग स्टोर में अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए आप इस फैक्टर के आधार पर भी फैसला ले सकते हैं.

Dhanteras 2021: कैसे करें सोने की पहचान?

सोने की किसी भी ज्वैलरी को खरीदने से पहले एक बार हॉलमार्क नंबर जरूर देख लें. दरअसल, हर कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क नंबर लिखे किए जाते हैं. अगर आप 22 कैरेट के सोने की खरीद करते हैं तो उस पर 916 नंबर का इस्तेमाल किया जाता है तो वहीं 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल करते हैं जबकि 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता है.

Dhanteras 2021: धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi)

-धनतेरस के दिन घर की सफाई कर सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें.

-इसके बाद षोडशोपचार विधि से देवता धनवंतरी देव की पूजा करें. साथ ही, माता लक्ष्मी की पूजा करें.

-इसके बाद भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद सभी में बांटें.

-शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीये जलाना न भूलें.

Dhanteras 2021: भगवान धन्वंतरि की आरती:

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।

जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

Dhanteras 2021: धनतेरस पर इन चीजों की होती है खरीदारी

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतिर के अलावा भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करना बहुत ही शुभ होता है. इस कारण से वर्षों से धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी के अभूषण, बर्तन, घरों में प्रयोग की जाने वाली वस्तुएं, कार, मोटर साइकिल और जमीन-मकान के सौदे होते हैं.

Dhanteras 2021: धनतेरस पर इन देवताओं की जाती है पूजा

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस दिन को धन्वंतरि देव की जयंती के रूप में भी मनाते हैं. धनतेरस 2021 पर धनवंतिर देव की पूजा के साथ कुबेर, लक्ष्मी, गणेश और यम की भी पूजा की जाती है.

Dhanteras 2021: धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या नहीं

धनतेरस के दिन खरीदारी का विशेष महत्व होता है. इस दिन सोना, चांदी, पीतल की चीजें और झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है. हालांकि धनतेरस पर काले रंग की वस्तुएं, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीजें बिल्कुल नहीं खरीदनी चाहिए.

रक्षा सूत्र बांधे

वाहन में शकुन के तौर पर कलावा यानी रक्षा-सूत्र बांध कर आरती करनी चाहिए. अब वाहन पर मिठाई रखें. बाद में ये मिठाई गौ माता को खाने को दें. एक नारियल लेकर नए वाहन पर से सात बार घुमाकर वाहन के आगे फोड़े.

धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi)

-धनतेरस के दिन घर की सफाई कर सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें.

-इसके बाद षोडशोपचार विधि से देवता धनवंतरी देव की पूजा करें. साथ ही, माता लक्ष्मी की पूजा करें.

-इसके बाद भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद सभी में बांटें.

-शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीये जलाना न भूलें.

Dhanteras 2021: धनतेरस शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर पूजा का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 18 मिनट और रात 10 से 08 बजकर 11 मिनट और 20 सेकेंड तक रहेगा. इस समय अवधि में धन्वंतरि देव की पूजा की जाएगी. प्रदोष काल 5 बजकर 35 मिनट और 38 सेकेंड से 08 बजकर 11 मिनट और 20 सेकेंड तक रहेगा.

Dhanteras 2021: नए वाहन की पूजा विधि

वाहन की पूजा घर की वरिष्ठतम महिला यानी वृद्ध महिला से करानी चाहिए. वाहन के ऊपर आम या फिर अशोक के पत्तों से जल छिड़क कर पूजन करते हैं इसके बाद फिर वाहन में सिंदूर और घी से स्वस्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए. स्वस्तिक शुभ होने के साथ ही काफी ऊर्जा देने वाला होता हैं. यात्रा में किसी प्रकार का व्यवधान न आए इसीलिए स्वस्तिक बनाया जाता है. वाहन को फूल एवं माला अर्पित करते हुए उसका अभिन्नदन करना चाहिए.

Dhanteras 2021: इन वस्तुओं को खरीदना होगा शुभ

धनतेरस के दिन वैसे तो कोई भी नई वस्तु खरीदना बेहद शुभ होता है. मान्यता है कि इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदने चाहिए. इसके अलावा लोग धनतेरस के दिन कार, मोटर साइकिल और जमीन-मकान भी खरीदते हैं. कहा जाता है कि धनतेरस पर जो भी वस्तु खरीदी जाती है उसमें सालभर 13 गुना की बढ़ोत्तरी होती है.

धनतेरस पूजा मुहूर्त (Dhanteras Puja Muhurat)

धनतेरस तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को सुबह 11:31 बजे से हो रही है और तिथि का समापन 3 नवंबर सुबह 09:02 बजे होगा. बता दें कि धनतेरस की पूजा प्रदोष काल में की जाती है और इसमें करना शुभ होता है. धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 11 मिनट तक है. इस दिन यम के नाम का दीपक शाम 05:35 बजे से 06:53 बजे तक का है.

Dhanteras 2021: धनतेरस का महत्व

धनतेरस के दिन विशेष रूप से लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते है. मान्यता है जो भी धनतेरस पर भगवान कुबेर, मां लक्ष्मी संग धन्वंतरि की पूजा करता है उसका घर हमेशा धन-धान्य, सुख-सुविधा से परिपूर्ण रहता है. धनतेरस पर ज्यादातर लोग सोने-चांदी से बनी चीजों को प्रमुखता से खरीदते हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में ही खरीदारी करना पसंद करते हैं. धनतेरस पर शुभ मुहूर्त पर सोने चांदी से बने बर्तन या आभूषण खरीदने पर बहुत ही शुभ फल प्राप्त होता है.

Dhanteras 2021: धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या नहीं

धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ होता है. इस दिन सोना, चांदी, पीतल की चीजें और झाड़ू खरीदना शुभ माना गया है. लेकिन धनतेरस पर ऐसी चीजें भूलकर भी न खरीदें जैसे- काले रंग की वस्तुएं, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीजें बिल्कुल नहीं खरीदें.

Dhanteras 2021: सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त

2 नवंबर को धनतेरस है. इस दिन सोना-चांदी खरीदने के लिए शाम 06 बजकर 20 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक शुभ मुहूर्त है. सुबह के मुहूर्त की बात करें तो सुबह 11 बजकर 30 मिनट से खरीदारी कर सकते हैं. लेकिन 02 नवंबर को राहुकाल के समय धनतेरस पर शुभ खरीदारी से जरूर बचें.

Dhanteras 2021: धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस पूजा विधि: धनतेरस पूजा के समय भगवान सूर्य, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि जी की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद भगवान धनवंतर‍ि की षोडशोपचार पूजा करें. भगवान धन्वंतरि को गंध, अबीर, गुलाल, पुष्प, रोली, अक्षत आदि चढ़ाएं। उनके मंत्रों का जाप करें. उन्हें खीर का भोग लगाएं. भगवान धन्वंतरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजा के अंत में कर्पूर से आरती करें. फिर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं. एक दीपक यम देवता के नाम का जलाएं.

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