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Chanakya Niti: संसार में भ्रमण करने वाले ये तीन लोग होते है पूंजनीय, जबकि महिलाएं हो जाती है बदनाम

Chanakya Niti: धर्मनीती और कूटनीति का पाठ पढ़ाने वाले महान राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के बारे में कुछ ऐसे ही विचार रखते थे. चाणक्य का कहना था कि समाज में पुरुष और महिलाओं के कामों को हमेशा से अलग-अलग करके देखा गया है. चाणक्य ने भी पुरुष और महिलाओं के कामों को लेकर अपने नीति शास्त्र में कुछ बातों का उल्लेख किया है.

Chanakya Niti: धर्मनीती और कूटनीति का पाठ पढ़ाने वाले महान राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के बारे में कुछ ऐसे ही विचार रखते थे. चाणक्य का कहना था कि समाज में पुरुष और महिलाओं के कामों को हमेशा से अलग-अलग करके देखा गया है. चाणक्य ने भी पुरुष और महिलाओं के कामों को लेकर अपने नीति शास्त्र में कुछ बातों का उल्लेख किया है. चाणक्य यह बताते हैं कि तीन प्रकार के लोग जब भ्रमण करते हैं तो उनकी पूजा होती है और महिलाएं जब भ्रमण करती है तो वो बदनाम हो जाती है. आइए जानते हैं उन तीन लोगों के बारे में, जिन्हें भ्रमण करने पर पूजे जाते है…

चाणक्य तीन लोगों का जिक्र करते हैं. वो कहते हैं कि जो राजा या शासक अपने क्षेत्र में खूब भ्रमण करता है, जनता उसकी पूजा करती है, उसे मान सम्मान मिलता है. भ्रमण के द्वारा ही राजा या शासक अपनी प्रजा या जनता का दुख जान सकता है. इसके बाद वो उस दुख को दूर करता है और पूजनीय हो जाता है.

चाणक्य के अनुसार राजा की तरह ही ब्राह्मण यानी विद्वान और योगी जब संसार में भ्रमण करते हैं तो उनकी पूजा होने लगती है. दरअसल, वो घूम-घूमकर शास्त्रों का ज्ञान बांटते हैं. साथ ही एक स्थान पर रुके हुए विद्वान को प्रसिद्धि नहीं मिल पाती. वो तभी अपने उद्देश्य में सफल हो सकता है जब वो अपने ज्ञान को संसार में लोगों के बीच बांटे. इससे उसका जीवन भी सार्थक होता है और लोग उसकी पूजा भी करते हैं.

वहीं, चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई महिलाएं बिना किसी उद्देश्य के भ्रमण करती है तो उसकी बदनामी होती है, समाज उसे गलत मानता है, उन्हें सम्मान नहीं मिल पाता और उसका विनाश हो जाता है.

सत्य के मार्ग पर चलना

जो महिलाएं सदैव सत्य के मार्ग पर चलती है वह परिवार को गति प्रदान करती है. सत्य प्रिय स्त्री हर जगह पर सम्मान प्राप्त करती है. मानव कल्याण के लिए स्त्री का यह गुण पवित्रता को जीवित रखने में सहायक होता है.

साहस

महिलाओं में साहस की कोई कमी नहीं होती है. चाणक्य के अनुसार महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक साहस होता है. साहस का सही समय पर सही तरह से प्रयोग करना चाहिए. साहसी स्त्री अपने परिवार की रक्षा करने में सक्षम होती है.

News Posted by: Radheshyam kushwaha

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