भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज हर साल कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है. बहनें विधि-विधान से व्रत रख गोधन की पूजा कर यमराज से भाइयों की लंबी आयु तथा उनके सुख और समृद्धि का वरदान मांगेंगी. इस मौके पर व्रत, गोवर्धन पूजन आदि कार्यक्रम होता है.
गोवर्धन बनाकर जल, दही, मोली, रोली, चावल, फूल, तेल, खीर आदि से बहने पूजा करती है. व्रत रह कर गाय के गोबर से गोधन महाराज की प्रतिमा व प्रतीक चिह्न बनाकर विधिवत् पूजा-अर्चना की जाती है.
इसके बाद बहने जीभ दाग कर सच्चे मन से यमराज से भाइयों के दीर्घायु की कामना करती हैं. इस साल भाई दूज पर पूरे दिन बहनें अपने भाई को तिलक कर सकती हैं. खास बात यह है कि इस साल पूरा दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगा सकती हैं. 1 बजकर 9 मिनट से लेकर 3 बजकर 20 मिनट तक तिलक लगाने का बेहद शुभ मुहूर्त है.
इस दिन गोवर्धन से गोबर लूटकर उसकी गोली बनाकर अनाज के ढेर में रखने की प्रथा है. मानना है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है, और गोवर्धन उनकी राशि की रक्षा करते रहते हैं. भारत में ‘रक्षा बंधन’ के अलावा यह दूसरा पर्व है जो भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य व उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं.