साहिबगंज के बड़े पत्थर व्यवसायी और उनके पुत्र को मोबाइल नंबर का सीडीआर निकालकर देनेवाले सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है. सब इंस्पेक्टर फिलहाल गुमला जिला में पदस्थापित थे. उन्होंने तीन जुलाई 2021 को इस घटना को अंजाम दिया था. उस वक्त गुमला के तत्कालीन एसपी ट्रेनिंग पर गये हुए थे.
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विभागीय जांच रिपोर्ट के अनुसार, अशोक कुमार घटना के दौरान अनुसंधान विंग में पदस्थापित थे. तब उन्होंने तीन अलग-अलग मोबाइल नंबर का सीडीआर और एक मोबाइल नंबर का पता निकालने के लिए तकनीकी शाखा के आरक्षी संदीप टोप्पो को व्हाट्सऐप किया था. कहा था कि संबंधित मोबाइल नंबर वर्ष 2020 में गुमला थाना में दर्ज एक लूटकांड से जुड़े हैं. जवाब में अशोक कुमार को पांच जुलाई को तीनों नंबर का सीडीआर और एक नंबर का पता व्हाट्सऐप पर भेजा गया था. लेकिन, सीडीआर निकालने के लिए उन्होंने कोई आवेदन नहीं दिया था. जांच के दौरान सब इंस्पेक्टर का यह झूठ पकड़ा गया कि संबंधित मोबाइल नंबर किसी लूट के केस से जुड़ा नहीं है. बल्कि उन्होंने सीडीआर और मोबाइल नंबर का पता निकलवाकर साहिबगंज के बड़े पत्थर व्यवसायी प्रकाश चंद्र यादव और उनके बेटे अंकुश राजहंस को व्हाट्सऐप पर भेज दिया था.
जांच के दौरान इसकी पुष्टि हुई कि आरोपी सब इंस्पेक्टर ने अपने पद का दुरुपयोग कर निजी स्वार्थ के लिए गोपनीय दस्तावेज को व्यवसायी को दिया. इस मामले में 22 जुलाई 2021 को तकनीकी शाखा गुमला में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर सुधीर प्रसाद साहू की शिकायत पर गुमला थाना में केस भी दर्ज किया गया है.
कार्रवाई
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गुमला के तत्कालीन एसपी के ट्रेनिंग पर रहने के दौरान दिया गया था घटना को अंजाम
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बर्खास्तगी से पहले सब इंस्पेक्टर को अपना पक्ष रखने के लिए दिया गया था समय
रिपोर्ट : अमन तिवारी, रांची