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बैंक दे रहे आम लोगों व छोटे कारोबारियों को इमरजेंसी लोन

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन होने से आम लोगों और छोटे कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनकी मदद के लिए सरकारी बैंकों ने खास पहल शुरू की है. बैंक इमरजेंसी लोन दे रहे हैं. बैंकों ने तत्‍परता के साथ मौजूदा स्थितियों से निपटने के लिए कदम उठाये हैं.

रांची : कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन होने से आम लोगों और छोटे कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनकी मदद के लिए सरकारी बैंकों ने खास पहल शुरू की है. बैंक इमरजेंसी लोन दे रहे हैं. बैंकों ने तत्‍परता के साथ मौजूदा स्थितियों से निपटने के लिए कदम उठाये हैं. इससे लोगों को लॉकडाउन में अपनी नकदी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. ऐसे कर्ज पर छह महीने की मोराटोरियम अवधि तक कोई किस्त व ब्याज नहीं देनी होगी. उसके अगले छह महीनों में एमसीएलआर-आरबीएलआर के आधार पर रियायती दर से कर्ज चुकाना होगा.

भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया भी ऐसी ही स्‍कीमों का लाभ ग्राहकों को दे रहे हैं.मौजूदा ग्राहकों को मिलेगा स्‍कीम का फायदा इस लोन की ब्‍याज की दर सामान्य के मुकाबले कम है. बैंकों ने पांच तरह की लोन स्‍कीम की घोषणा की है. इनमें मुख्यत: सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम ऋण, पर्सनल, पेंशनर, स्वयं सहायता समूहों, किसान तत्काल ऋण शामिल हैं. बीओआइ ने मंजूर किये 10 करोड़ के ज्यादा के लोनबैंक ऑफ इंडिया ने कारोबार के आकार व जरूरत के आधार पर स्‍पेशल कोविड इमरजेंसी सपाेर्ट-2020 के तहत 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन मंजूर किये हैं.

बैंक का मानना है कि इनसे लोगों को ताजा स्थितियों से निपटने में थोड़ी राहत मिलेगी. बैंक की ओर से 567 लोगों के बीच इमरजेंसी लोन लेने का विकल्‍प दिया है. कोटबैंक ऑफ इंडिया ने कोविड इमरजेंसी सपोर्ट स्‍कीम शुरू की है. इसके लिए हमने सभी शाखाओं को प्री-अप्रूव्ड लोन मंजूरी के लिए पत्र भेज दिया है. छोटे उद्यमी, किसान और स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ी महिलाओं पर बैंक का खास फोकस है. हमने इन कर्जों की वापसी के लिए लंबा समय दिया है, ताकि लोगों को सहूलियत हो. यह संकट के समय लोगों को उनकी तत्काल की जरूरतों और अन्य खर्चों को पूरा करेगा.तेजेश्वर पटनायक, आंचलिक प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडियालक्ष्य पूरा करने और अपनी छवि को मजबूत करने के लिए बैंकों ने यह कदम उठाया है. उन्‍होंने इसके लिए कई तरह की शर्तें रखी हैं. पहले से ही कर्ज में दबे एमएसएमइ सेक्टर और ज्यादा कर्ज में भला क्यों दबना चाहेगा? सरकार को इस क्षेत्र काे राहत देने के लिए ठोस पहल करनी चाहिए. मेरी जानकारी में बैंक इस तरह के लोन सभी को नहीं दे रहे हैं. सिडबी ने जरूर इस दिशा में ईमानदार पहल की है. फिलिप मैथ्यू, अध्यक्ष, झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

Prabhat Khabar News Desk
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