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कारगर हों नीतियां

विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों ने 142 पिछड़े जिलों की एक सूची तैयार की है, जिन्हें कामयाब जिलों की तर्ज पर विकासोन्मुख बनाया जायेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे समयबद्ध तरीके से सरकार के कार्यक्रमों को लोगों तक लेकर जाएं ताकि उनका जीवन बेहतर हो सके. सरकारी नीतियों एवं पहलों को लेकर अक्सर यह शिकायत रहती है कि उनका फायदा लोगों तक ठीक से नहीं पहुंच पाता है. सरकारी कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर अमली जामा पहनाने की मुख्य जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है.

देश के अनेक जिलों में प्रशासनिक तत्परता के उत्साहवर्द्धक परिणाम सामने आये हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने उचित ही रेखांकित किया है कि ऐसे जिले बाधाओं को दूर कर विकास की राह पर अग्रसर हो रहे हैं. मध्य प्रदेश के छतरपुर में सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों से लगभग सौ फीसदी गर्भवती महिलाओं को जोड़ा गया है. अरुणाचल प्रदेश के नामसाई, हरियाणा के मेवात और त्रिपुरा के धालाई जैसे अनेक जिलों में सरकारी सेवाओं को उपलब्धता सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय सफलता मिली है.

ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने, स्वास्थ्य केंद्रों को संसाधन मुहैया, उज्जवला योजना जैसे कई कल्याण एवं विकास कार्यक्रमों से देश की तस्वीर बदली जा सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने 142 पिछड़े जिलों की एक सूची तैयार की है, जिन्हें कामयाब जिलों की तर्ज पर विकासोन्मुख बनाया जायेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, जिला प्रशासन और सरकारी तंत्र को मिलकर काम करने की जरूरत है.

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के दौरान तथा उससे पहले भी जिलाधिकारियों से समय-समय पर संवाद करते रहे हैं. अपनी यात्राओं में भी वे स्थानीय अधिकारियों से विकास कार्यों की जानकारी लेते हैं. अब उन्होंने नीति आयोग से कहा है कि वह ऐसी व्यवस्था स्थापित करे, जिसके तहत केंद्रीय मंत्रालयों और जिलाधिकारियों के बीच नियमित संवाद बने. साथ ही, मंत्रालयों को पिछड़े जिलों की चुनौतियों को चिन्हित करने को भी कहा गया है.

इसी तरह की प्रणाली राज्य स्तर पर भी बनायी जानी चाहिए. स्थानीय निकायों और नागरिक समाज के सहयोग से जिला प्रशासन को समस्या और समाधान के बारे में विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करना चाहिए. जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, प्रशासन और जनता के बीच सीधा और संवेदनशील संपर्क होना चाहिए. हमारी आबादी का बड़ा वर्ग गरीब और निम्न आय वर्ग से है तथा वह अपनी बहुत सारी जरूरतों के लिए सरकारी योजनाओं पर निर्भर है.

यदि स्थानीय प्रशासन सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उनके पास पहुंचता है, तो उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. लोगों के सपनों को साकार करने के प्रयास को प्रधानमंत्री मोदी ने इतिहास रचने की संज्ञा दी है. भारत कई क्षेत्रों में तीव्र विकास कर रहा है, लेकिन यह विकास तभी सतत और स्थायी रह सकता है, जब इसमें पीछे छूट गये आम भारतीय की भी सहभागिता हो. शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के साथ बैंकिंग और डिजिटल तकनीक से भी पिछड़े इलाकों को जोड़ा जाना चाहिए. इसके लिए सरकारी तंत्र को एकजुट होकर सक्रिय होना होगा.

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