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ज्यादा जोगी मठ उजाड़..

।। चंचल।। (सामाजिक कार्यकर्ता) लो अब जाकर चौराहा गुलजार हुआ. बस इन्हीं की कमी थी. आइए-आइए, पधारिये कह कर भोला ने एक के ऊपर एक ईंट रख कर उस तरफ इशारा किया और भीम उस पर बैठ गये. बैठते ही शुरू हो गये सुनो चिखुरी.. चिखुरी की उम्र के आधे से भी कम का होगा. […]

।। चंचल।।

(सामाजिक कार्यकर्ता)

लो अब जाकर चौराहा गुलजार हुआ. बस इन्हीं की कमी थी. आइए-आइए, पधारिये कह कर भोला ने एक के ऊपर एक ईंट रख कर उस तरफ इशारा किया और भीम उस पर बैठ गये. बैठते ही शुरू हो गये सुनो चिखुरी.. चिखुरी की उम्र के आधे से भी कम का होगा. चौदह कलम पास, पढ़ा-लिखा. कलेट्टर क इम्तहान देत बखत बस कोइ पेंच ढीली हो गयी और बेचारा पगला गया. अंगरेजी, संस्कृत फर्राटे से बोलता है. पर बे-बखत, बे-तुक-ताल. नाम रहा भीष्म नारायण उपाध्याय, लेकिन हो गये भीम. पाकिट फाड़ने के आंदोलन में उनके पैंट की जिप निकल गयी. चुनांचे बिना जिप के पतलून की जो हालत होती है, वही भीम के साथ वर्षो से होता आ रहा है. भीम की ‘दूकान’ खुली रहती है.

मेवा की बीवी सरे आम गरियाती है- इ का है भीम? कुछ तो लाज-सरम करो.. भीम का जवाब मेवा बो के पल्ले नहीं पड़ता. वही भीम आज चौराहे पर मौजूद हैं. उमर दरजी ने पूछा -भीम भाई किसको वोट देंगे? भीम जोर से हंसे- हम उसको ओट देंगे, जिसकी कोइ हवा नहीं है. हम उसे हवा देंगे. ‘लाइफ अगेंस्ट डेथ.’ तुम सब मूरख हो. कल तक बोल रहे थे उस ‘सुपर हिट’ की हवा चल रही है. वह भी कितना नामाकूल इनसान है, अपने ही बयान को लगा हवा देने. बोला अभी तो हवा है, जब सुनामी आयेगी तब देखना.’ आज उसी की हवा खिसक गयी. झगड़ू कहता है कि उसे खड़े होने की जगह नहीं मिल रही. इसे कहते हैं ‘डेथ ऑफ अ सेल्समैन.’ सारी कमाई किस्त चुकाने में लगा दिया और जब फुर्सत में हुआ तो ऊपर जाने का वक्त आ गया.

लाल्साहेब से अब नहीं रहा गया- का बे भोला! काहे दिन खराब कर रहा है, इसे कहीं और रख आ. भीम समझ गये और उठ कर खड़े हो गये. चिखुरी ने भरपूर कोशिश की कि भीम चाय पीकर जायें. भीम जाते-जाते बोल गये- लंब गुणो आधार बटे दो, नमस्कार! रैन अगर द ‘फाउंटेन हेड’ न लिखती तो भी मोहब्बत का हक रखती थी. अच्छा हुआ गुजरात में नहीं आयी, वरना सारी सरकार को हलकान में डाल जाती.. भीम चले गये. कयूम ने भरे मन से कहा- एक बात बताऊं चिखुरी काका! है पक्का कांग्रेसी. पिछली दफा वोट देने गया. परची लिया और वहीं सबके सामने वोट देने लगा. अधिकारी ने खुले में आप वोट देने से मना किया तो यह अड़ गया. क्यों नहीं दे सकते? दूंगा. अधिकारी ने कहा हम उसे कैंसिल कर देंगे. उसने जोर से कहा तुम उसे कैंसिल कर दो. पीछे जो कतार है उसे मालूम हो जायेगा कि तुमने हमारे वोट को कैंसिल किया है. उन्हें एक बल मिलेगा और जो लोग डर से अपने मनमाफिक वोट नहीं दे पा रहे हैं सब खुल कर वोट देंगे. अधिकारी हक्का बक्का मुंह ताकता रह गया. वोट देने के बाद भीम अधिकारी के पास जाकर बोले- याद रखना जालिम वहीं पैदा होते हैं जहां दब्बू रहते हैं. सुरजू सिंह ने भीम भाई जिंदाबाद का नारा दिया तो पूरी कतार जिंदाबाद बोल गयी.

आसरे! चाय लाओ भाई, भीम ने सब बिगाड़ दिया. मद्दू ने आसरे को बुलाया. चाय आने से पहले ही नवल ने कीन उपाधिया को उकसाया- सुना है उनके घर में ही भारी झगड़ा है, बनारस से कौन लड़ेगा इस पर? कई जगह यही मारा-पीटी चल रही है. ज्यादा जोगी मठ उजाड़. उमर दरजी ने जुमला कसा- बाबू साहेब कल तक परधानमंत्री बना रहे थे, मुख्यमंत्री खीसे में लिये घूम रहे थे, आज उनके पास लड़ने की मनमाफिक जगह नहीं है.. नवल ने बात को घुमाया-दद्दा! मद्दू ने घुड़की दी- चोप्प! चिखुरी! हम बिहार गये रहे. अजीब हाल है वहां का. एक नेता को फोन किया कि भाई कैसी है आपकी पार्टी? बोले हम सरकार बनाने जा रहे हैं. हमें ताज्जुब हुआ. हमने पूछा इतनी तरक्की कर ली है पार्टी ने. उनका जवाब बहुत माकूल रहा- तरक्की प्रकृति का नियम है. हम प्रकृति के साथ हो गये. हमने कहा अभी तीन घंटे पहले तक तक तो आप इस पार्टी में थे? उनका जवाब था- आप पत्रकार हैं तो सजग रहा करिये, तीन घंटे पीछे रहेंगे तो कैसे चलेगा? और काका हम भाग आये. वहां कौन कब किसके साथ हो जाये कहना मुश्किल है.

नवल से नहीं रहा गया- कुछ लोग तो काशी के लिए जिद किये पड़े हैं. चिखुरी मुस्कुराये- आखिरी इच्छा है. हर हिंदू यही चाहता है. तभी भीम हौले-हौले इधर आये- कुछ सुना चिखुरी? हिटलर की हवा निकल गयी. ‘द सेकेंड गाड’ जिसका कोई इतिहास नहीं होता, यह मिसिंग लिंक साबित हो गया. लोकतंत्र जीत रहा है. जय हो, बुद्ध जीतोगे. वैशाली की तंत्र परंपरा जीतेगी. जीतेगी जनता. सात समंदर पार अहिंसा का एक पुजारी सारी दुनिया को रोशनी दिखा रहा है. बापू के हत्यारे हुकूमत का सपना देख रहे हैं. कीन से नहीं रहा गया. इसे ले जाओ भाई आज पूरा दिन.. नवल ने भीम को प्यार से बुलाया- आव भीम भाई, माई मटर क घुघनी बनाये बा.. लोगों ने देखा, दोनों गांव की तरफ बढ़ गये..

Prabhat Khabar Digital Desk
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