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रिम्स में हड़ताल : इलाज के लिए फरियाद करते रहे परिजन, टल गये 35 ऑपरेशन, 12 मरीजों की मौत

मरीज की मौत पर परिजनों ने नर्स को पीटा, विरोध में लाठी-डंडा लेकर कराया स्वास्थ्य सेवा ठप रांची : रिम्स के मेडिसिन विभाग में भर्ती महिला मरीज गीता देवी की शुक्रवार देर रात मौत हो गयी. गुस्साये परिजनों ने इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद ही मरीज की मौत होने का आरोप लगाते हुए नर्स […]

मरीज की मौत पर परिजनों ने नर्स को पीटा, विरोध में लाठी-डंडा लेकर कराया स्वास्थ्य सेवा ठप

रांची : रिम्स के मेडिसिन विभाग में भर्ती महिला मरीज गीता देवी की शुक्रवार देर रात मौत हो गयी. गुस्साये परिजनों ने इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद ही मरीज की मौत होने का आरोप लगाते हुए नर्स की पिटाई कर दी. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद शनिवार सुबह से ही रिम्स की नर्सें हड़ताल पर चली गयीं. हड़ताल के कारण शनिवार सुबह सात बजे से रात 11 बजे तक 12 मरीजों की मौत की सूचना है. हालांकि रिम्स अधीक्षक ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
वहीं, दूसरी आेर नर्सों ने वार्डों में सेवाएं देनी बंद कर दी. इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दी. जूनियर डॉक्टर भी नर्सों के समर्थन में आ गये. इससे रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गयी. अस्पताल में पूर्व निर्धारित 30 से 35 ऑपरेशन टाल दिये गये. ओटी खुला ही नहीं. ओपीडी भी संचालित नहीं हो सका. इससे परामर्श लेने आये 600 से ज्यादा मरीजों को लौटना पड़ा. एक्सरे, सीटी स्कैन, एक्सरे, पैथोलॉजी जांच व्यवस्था ठप रही. इधर, चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू करने के लिए रिम्स प्रबंधन ने कई बार नर्सों से वार्ता करने का प्रयास किया, पर वे नहीं मानीं. नर्सें स्वास्थ्य मंत्री के आने पर ही हड़ताल समाप्त करने पर ही अड़ी रहीं.

दुर्घटना में घायल मरीज व गर्भवती महिलाओं को भी रोका : हड़ताल के दौरान सुबह 11 बजे नर्सों ने इमरजेंसी के मुख्य द्वार को स्ट्रेचर लगा बंद कर दिया. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भी अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था. दुर्घटना में घायल मरीज व गर्भवती महिलाओं तक को भी बाहर ही रोक दिया गया. मरीज के परिजन हाथ जोड़ कर इलाज करने की मांग करते रहे, लेकिन नर्सें उन्हें अंदर नहीं जाने दे रही थीं. इसके बाद मरीजों के परिजन बौखला गये और वह नर्सों से उलझ पड़े. देखते-देखते ही नर्सों व परिजनों के बीच इमरजेंसी गेट के सामने ही मारपीट शुरू हो गयी. पुलिस भी मूकदर्शक बनकर देखती रही. हालांकि, बाद में इमरजेंसी के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी.

दर्द से कराहते रहे मरीज, नहीं मिली दवाएं : दूसरी ओर, रिम्स के अलग-अलग वार्ड में भर्ती मरीज दर्द से कराहते रहे, लेकिन किसी ने उनकी खोज-खबर तक नहीं ली. सबसे ज्यादा परेशानी सर्जरी, हड्डी, न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती मरीजों को हुई, जिनको समय पर इंजेक्शन नहीं मिला. नर्सों ने नर्सिंग कॉलेज से आयी छात्राओं को भी वार्ड में काम करने नहीं दिया. नर्सिंग स्टूडेंट को भी हड़ताल व नारेबाजी में शामिल कर लिया. इधर, मरीज के परिजन निदेशक व अधीक्षक कर्यालय की दौड़ लगाते रहे, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला. शनिवार शाम होते-होते इलाज नहीं मिलने के कारण वार्डों में भर्ती आधे से अधिक भर्ती मरीज छुट्टी लेकर निजी अस्पताल की आेर जाते दिखे.
रिम्स ने की है वैकल्पिक व्यवस्था : इधर, रिम्स प्रबंधन ने चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शनिवार को विभागाध्यक्षों के साथ दो बार बैठक की. पहली बैठक दोपहर 12 बजे हुई, इसमें किसी तरह मामला को शांत कराने का निर्णय लिया गया. लेकिन जब हड़ताल समाप्त नहीं हुई, तो दोपहर तीन बजे दोबारा बैठक हुर्इ. इसमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व सीनियर रेजीडेंट ने अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था संभालने का निर्णय लिया. इसके बाद सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टर तैयार कर तैनाती दी गयी. हालांकि, नर्सों की तैनाती पर सहमति नहीं बन पायी.
इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद ही मरीज की मौत
डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में भर्ती कमड़े निवासी गीता देवी की एक जून की रात दो बजे स्थिति खराब हो गयी. बेटी प्रिया ने इसकी सूचना नर्स को दी. नर्स ने इमरजेंसी से डॉक्टर को बुलाने को कहा. वहां से जूनियर डॉक्टर आये और मरीज की स्थिति देख अपने सीनियर से बात की. सीनियर डॉक्टर से पूछ जूनियर डॉक्टर ने नर्स से कहा कि एनएस-4 का इंजेक्शन लगा दो. इसके बाद नर्स ने इंजेक्शन दिया. इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही मरीज की माैत हो गयी. परिजनों ने जब इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया, तो वहां मौजूद जूनियर डॉक्टर व नर्स ने विरोध किया. इसके बाद दोनों पक्ष में झड़प हुई.
कौन थी गीता देवी
तगादा से परेशान जमीन कारोबारी मणिशंकर प्रसाद (कमड़े) ने अपनी पत्नी गीता देवी के संग कीटनाशक खाकर 28 मई को आत्महत्या का प्रयास किया था. दोनों को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया था. 29 मई को पति मणिशंकर की मौत हो गयी. वहीं पत्नी गीता देवी को डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में भर्ती कराया गया था.
दो-तीन दिन बाद आऊंगा, बाहर हूं : स्वास्थ्य मंत्री
रिम्स प्रबंधन ने जब स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से बात की, तो उन्होंने कहा कि वह अभी रांची से बाहर हैं. दो-तीन दिन बाद लौटेंगे. इसके बाद बैठक कर समस्या का निदान करेंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में स्वास्थ्य सचिव निधि खरे भी होंगी.

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