नयी दिल्ली: मालदीव ने भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के फैसले का समर्थन किया है. मालदी का कहना है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-370 को रद्द करने का फैसला उनका आंतरिक मामला है. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि, हमारा मानना है कि ये प्रत्येक संप्रभु राष्ट्र का अधिकार है कि वो अपने कानूनों में संशोधन कर सके.
Maldives Govt on India's decision to revoke #Article370 of Indian Constitution:Maldives considers decision taken by Govt of India regarding Article 370 of Indian Constitution as an internal matter.We believe it's the right of every sovereign nation to amend their laws as required pic.twitter.com/239c6rTj1V
— ANI (@ANI) August 7, 2019
बता दें कि बीते सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला किया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया. इससे पहले पड़ोसी देश श्रीलंका ने भी कहा था कि अनुच्छेद-370 हटाने का फैसला पूरी तरह से भारत का आंतिरक मसला है और हम इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते.
चीन के बयान का तीखा पलटवार
इससे पहले चीन ने भारत के कदम की आलोचना की थी लेकिन भारत ने पलटवार करते हुए चीन को इसके आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की नसीहत दी थी. पड़ोसी देश पाकिस्तान पहले से ही इस फैसले से बौखलाया हुआ है. वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो यहां तक कह दिया कि भारत को इस फैसले की वजह से पुलवामा जैसा एक और आतंकी हमला झेलना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि मालदीव भारत का काफी समय पहले से ही सांस्कृतिक, रणनीतिक और व्यापारिक साझेदार रहा है लेकिन बीच में जब वहां अब्दुल्ला यामीन का शासन था तब मालदीव-भारत संबंधों में दरार आई थी. लेकिन फिर 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में इब्राहिम मोहम्मद सालेह, यामीन को हराकर मालदीव के राष्ट्रपति बनें. इब्राहिम को भारत समर्थक माना जाता है. उसके बयानों और समर्थनों को देखकर ऐसा स्पष्ट भी होता है.