श्री मार्डी शनिवार को झामुमाे से निष्कासित किये जाने की खबर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. उन्हाेंने कहा कि झामुमाे की जाे भूमिका झारखंड में हाेनी चाहिए थी, वह अब नहीं रही. झामुमाे की सरकार बनी, लेकिन आंदाेलनकािरयाें काे सम्मान नहीं मिला. स्थानीय नीति नहीं बनी. झामुमो के लोग सिर्फ सुर्खियां पाने के लिए विधानसभा में तख्तियां दिखा कर आंदाेलन करते हैं, बाद में मुख्यमंत्री के साथ बैठ कर चाय पीते हैं. श्री मार्डी ने कहा कि गरीब-आदिवासियाें काे गुमराह कर उनके नाम से राजनीतिक राेटियां सेंकनेवाले शिबू साेरेन-हेमंत ने खुद सीएनटी-एसपीटी की धज्जियां उड़ायी है.
झामुमाे के संगठन काे बांग्लादेशी आैर बाहरियाें ने हाइजैक कर लिया है. एक बाहरी जिसे झारखंड आंदाेलन का क ख ग मालूम नहीं, वह नाेटिस जारी कर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर देता है. श्री मार्डी ने कहा कि उन्होंने पहले ही झामुमाे मार्डी का गठन कर लिया है, फिर पार्टी से निकालने की बात बेतुकी है. श्री मार्डी ने कहा कि झामुमो के अंदर काफी असंताेष है. जल्द उसमें बड़ी टूट दिखायी देगी. पुराने आैर समर्पित कार्यकर्ताअाें की पूछ नहीं है. उन्हाेंने कहा कि पार्टी में कोई संवाद नहीं रह गया है. जब कुछ मामलाें काे उन्होंने हेमंत के सामने रखा, ताे वह बाेले कि बाबा (गुरुजी) से बात करें, जब शिबू साेरेन से मिलते ताे वे कहते कि देखते हैं बाद में बात हाेगी.

