नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने फैसला किया है कि महिलाएं भी पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल हो सकती हैं. शीर्ष अदालत में केंद्र की दलील तब आई जब दो न्यायाधीशों की पीठ ने 14 नवंबर को होने वाली आगामी एनडीए परीक्षा में पात्र महिला उम्मीदवारों को शामिल होने की अनुमति देने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देश देने की मांग की.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी, केंद्र सरकार की ओर से पेश होकर कहा कि कुछ अच्छी खबर है. सेना और सरकार के उच्चतम स्तर पर निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के माध्यम से लड़कियों को स्थायी कमीशन के लिए शामिल किया जायेगा. निर्णय कल देर शाम लिया गया था. लाइव लॉ के अनुसार, बेंच को सूचित करते हुए भाटी ने इसे पीढ़ीगत सुधार के रूप में वर्णित किया.
हालांकि, केंद्र ने इस साल के पेपर के लिए महिला उम्मीदवारों को अनुमति देने से भी छूट मांगी है. इस पर, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह 20 सितंबर तक एक विस्तृत हलफनामा पेश करे, जिसमें कदमों पर विचार, समयसीमा आदि जैसे विवरणों का उल्लेख हो. मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
जस्टिस कौल ने कहा कि देश में सशस्त्र बलों का बहुत सम्मान किया जाता है. हालांकि, लैंगिक समानता पर उन्हें और अधिक काम करना होगा. बुधवार के घटनाक्रम 18 अगस्त को अदालत द्वारा पारित अंतरिम निर्देशों की पृष्ठभूमि में आते हैं, जिसमें कहा गया था कि लड़कियां भी एनडीए परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकती हैं. आदेश में कहा गया है कि नीति जो कुलीन संस्थान में उनके प्रवेश को प्रतिबंधित करती है, वह लैंगिक भेदभाव पर आधारित है.
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कोर्ट ने ऐसा करते हुए केंद्र के इस तर्क को खारिज कर दिया कि एनडीए में महिलाओं को अनुमति नहीं दी जा रही है, उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है क्योंकि अकादमी में प्रशिक्षित पुरुष कैडेटों को भविष्य में कैरियर की संभावनाओं में महिलाओं की तुलना में कोई लाभ नहीं मिलता है, जो वर्तमान में केवल सेना में शामिल हो सकती हैं. वर्तमान में, केवल पुरुष उम्मीदवार जिन्होंने 12 वीं कक्षा पास की है, और उनकी उम्र साढ़े 16 से 19 वर्ष के बीच है, वे इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं.
यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा हर साल दो बार आयोजित की जाती है. जो लिखित परीक्षा पास करते हैं, वे सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के साक्षात्कार के लिए उपस्थित होते हैं. अंत में जो अपने मेडिकल परीक्षण को पास करते हैं, उन्हें एनडीए में शामिल किया जाता है, जिसे दिसंबर 1954 में स्थापित किया गया था.
Posted By: Amlesh Nandan.