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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा के लिए जिम्मेदार कौन? जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित

मणिपुर हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने जांच आयोग के गठन की घोषणा करने के साथ बताया, पैनल को छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपना होगा. अधिसूचना में कहा गया है आयोग अगर उचित समझे, तो उक्त तिथि से पहले केंद्र सरकार को अंतरिम रिपोर्ट दे सकता है.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है. पैनल की अध्यक्षता गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा करेंगे. जांच आयोग मणिपुर में दंगा, हिंसा के कारणों, प्रसार की जांच करेगा.

जांच आयोग में दो और सदस्य कौन?

केंद्र सरकार की ओर से गठित जांच आयोग में जस्टिस अजय लांबा के अलावा दो अन्य सदस्यों में पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर शामिल हैं.

जांच आयोग को छह महीने के भीतर सौंपना होगा रिपोर्ट

मणिपुर हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने जांच आयोग के गठन की घोषणा करने के साथ बताया, पैनल को छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपना होगा. अधिसूचना में कहा गया है आयोग अगर उचित समझे, तो उक्त तिथि से पहले केंद्र सरकार को अंतरिम रिपोर्ट दे सकता है.

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मणिपुर हिंसा के लिए जिम्मेदार कौन? जांच पैनल करेगा जांच

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, आयोग तीन मई को और उसके बाद मणिपुर में विभिन्न समुदायों के सदस्यों की लक्षित हिंसा और दंगों के कारणों तथा प्रसार के संबंध में जांच करेगा. यह आयोग उन घटनाओं की कड़ी और ऐसी हिंसा से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगा. यह भी देखा जाएगा कि क्या किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों/लोगों की ओर से इस संबंध में कोई चूक या कर्तव्य में लापरवाही हुई? जांच में हिंसा और दंगों को रोकने तथा इससे निपटने के लिए किए गए प्रशासनिक उपायों पर भी गौर किया जाएगा. अधिसूचना के अनुसार आयोग द्वारा उसके समक्ष किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा दी जाने वाली शिकायतों पर भी गौर किया जाएगा.

गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-दो से नाकेबंदी हटाने की अपील की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मणिपुर के लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग-दो से नाकेबंदी हटाने की अपील की, ताकि राज्य में भोजन, दवा और ईंधन जैसी बुनियादी और जरूरी चीजें पहुंच सकें. शाह ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर नागरिक समाज के सदस्यों से इस संदर्भ में पहल करने को कहा है. उन्होंने कहा, मणिपुर के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि इंफाल-दीमापुर, राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर लगाई गई नाकेबंदी को हटा लें, ताकि भोजन, दवाइयां, पेट्रोल/डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों तक पहुंच सकें.

मणिपुर हिंसा मेंअबतक 98 लोगों की गयी जान

गौरतलब है कि मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद से मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा में कम से कम 98 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 310 अन्य घायल हुए हैं.

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