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उत्तराखंड में ग्लेशियर के टूटने से आयी बाढ़ से अब तक कुल 56 लोगों की मौत
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तपोवन सुरंग से सोमवार को 3 शव बरामद किये गये
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7 फरवरी को उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा घाटी में मची थी भारी तबाही
उत्तराखंड के ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को ग्लेशियर के टूटने से भारी तबाही का मंजर अब भी दिखाई पड़ रहा है. तपोवन सुरंग से शवों का निकलना राजी है. सोमवार को 3 और शव बरामद हुए हैं, जिसके साथ ही कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 56 हो गयी है. अब भी राहत और बचाव कार्य में जवान जुटे हुए हैं.
पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से तपोवन सुरंग में फंसे 25-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में सेना सहित विभिन्न एजेंसियों का संयुक्त बचाव और तलाश अभियान चल रहा है.
पुलिस ने बताया कि मलबे और गाद से भरी तपोवन सुरंग से अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं. रविवार को सुरंग से छह शव बरामद किए गए थे. ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ के समय एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की इस सुरंग में लोग कार्य कर रहे थे.
निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा, रैणी में स्थित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो गई थी. अब तक चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों से कुल 54 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 150 अन्य अभी भी लापता हैं.
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लगातार तलाश और बचाव अभियान का जायजा ले रहीं चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने लापता लोगों के शव बरामद होने पर बचाव दलों को इसी तरह तेजी से कार्य करने को कहा है. एक सप्ताह से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान जारी है.
तपोवन बैराज क्षेत्र में जहां पोकलैंड और जेसीबी मशीनें युद्धस्तर पर कार्य कर रही हैं वहीं नदी किनारे जिला प्रशासन के नेतृत्व में खोजबीन का कार्य जारी है. जिलाधिकारी स्वाति ने बताया कि रैणी क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम मलबे में लापता लोगों की तलाश कर रही है. उन्होंने कहा कि मौके पर एक हैलीकॉप्टर भी तैयार है जिससे अगर कोई व्यक्ति जीवित अवस्था में मिले तो उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.
Posted By – Arbind kumar mishra