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मन की बात: पीएम मोदी ने किया जिक्र, तो बोले श्रीनगर के तारिक अहमद- हमारे समुदाय के लोगों को मिलेगी मदद

PM Modi Mann Ki Baat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में श्रीनगर के तारिक अहमद पतलू (Tariq Ahmad Patloo) के काम का जिक्र करते हुए उनकी सराहना की है. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में उनके काम की तारिफ किए जाने पर तारिक अहमद पतलू ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मुझे अपने काम पर गर्व है और मैं उम्मीद करता हूं कि पीएम मोदी के ट्वीट के बाद मेरे समुदाय के लोगों को भी मदद मिलेगी.

PM Modi Mann Ki Baat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में श्रीनगर के तारिक अहमद पतलू (Tariq Ahmad Patloo) के काम का जिक्र करते हुए उनकी सराहना की है. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में उनके काम की तारिफ किए जाने पर तारिक अहमद पतलू ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मुझे अपने काम पर गर्व है और मैं उम्मीद करता हूं कि पीएम मोदी के ट्वीट के बाद मेरे समुदाय के लोगों को भी मदद मिलेगी.

दरअसल, तारिक अहमद पतलू ने कोरोना की दूसरी लहर (2nd Wave Of Corona) के दौरान श्रीनगर की डल झील (Dal Lake) के आसपास रह रहे लोगों की मदद के लिए नाव को ही एंबुलेंस बना दिया है. इस शिकारा एंबुलेंस में पीपीई किट, स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की सुविधा है. कोरोना संक्रमण के दौरान पेश आने वाली परेशानियों के कारण तारिक अहमद पतलू ने ऐसी पहल करने का मन बनाया.

बता दें कि डल झील इलाके में रहने वाले लोगों को तब परेशानी का सामना करना पड़ता है, जब कोई बीमार होता है. ऐसे में झील निवासियों को बड़ी मुश्किल से अपने मरी को शिकारे के सहारे किनारे तक लाना पड़ता है. इसी के मद्देनजर तारिक अहमद पतलू ने बीते साल अपने परिवार और दोस्तों की सहायता से डल झील में शिकारा एंबुलेंस सेवा शुरू करने का फैसला किया था. दो महीने की मेहनत और बारह लाख रुपये की लागत से वह इस शिकारा एंबुलेंस को तैयार कर पाएं. तारिक अहमद के मुताबिक, इससे पहले वर्ष 1865 में झेलम नदी में मरीजों को लाने और ले जाने के लिए एक बोट हुआ करती थी.

साल 2020 में कोरोना महामारी की चपेट में तारिक अहमद पतलू भी आ गए थे. कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत वह पहले अपने हाउसबोट में आइसोलेशन में चले गए, लेकिन हालत बिगड़ी तो अस्पताल का रुख करना पड़ा. संक्रमण के बाद उन्हें अस्पताल तक आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. जिसके बाद वे लोगों की मदद के लिए आगे आए. तारिक डल झील के आस पास रहने वाले लोगों की मुफ्त में भी मदद करते हैं और संक्रमित लोगों को इमरजेंसी के दौरान अस्पताल पहुंचाने में आगे आते हैं.

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