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प्रश्नकाल में पेगासस जासूसी से जुड़े सवाल नहीं पूछ सकेंगे सांसद, संसद में मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक

Pegasus Spyware News|Monsoon Session|Rajya Sabha|प्रश्नकाल में पेगासस जासूसी से जुड़े सवाल नहीं पूछ सकेंगे सांसद, संसद में मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक

नयी दिल्ली: पेगासस स्पाईवेयर को हथियार बनाकर विपक्ष अब प्रश्नकाल को बाधित नहीं कर पायेगा. पेगासस पर कोई सवाल भी नहीं पूछ पायेगा. संसद के दोनों सदनों में पेगासस के मुद्दे पर विपक्ष को हंगामा करने से रोकने के लिए सरकार ने रूल 47 का सहारा लिया है. यह नियम राज्यसभा को किसी भी सदस्य के प्रश्न को अस्वीकार करने का अधिकार देता है. इसके पहले भी कई बार इस रूल का सहारा सरकारों ने लिया है.

केंद्र सरकार ने राज्यसभा सचिवालय को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अनंतिम रूप से स्वीकृत प्रश्न (PAQ) को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि पेगासस का मामला कोर्ट में लंबित है. सीपीआई के राज्यसभा सांसद विनय विश्वम ने सवाल पूछा था कि उन्हें अब तक इस मुद्दे पर आधिकारिक रूप से कोई जवाब नहीं दिया गया है. लेकिन, उनको अनौपचारिक रूप से जानकारी दी गयी है कि प्रश्न को स्वीकार नहीं किया जायेगा.

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के मीडिया सलाहकार एए राव ने कहा कि रूल 47, सब रूल 2(XIX) में इस बात का प्रावधान है कि कोर्ट में विचाराधीन मामलों को स्वीकार नहीं किया जाता. सांसदों के सवालों का जवाब मानसून सत्र के आखिरी दिन से ठीक एक दिन पहले दिया जाना था. उन्होंने बताया कि रूल 47(2)2(XIX) कहता है कि कोर्ट में विचाराधीन किसी भी मामले से संबंधित सवाल नहीं पूछ सकते. विनय विश्मम ने विदेशी कंपनियों के साथ भारत सरकार के समझौते के बारे में जानकारी मांगी थी.

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सीपीआई सांसद ने पूछे थे ये सवाल

  • सीपीआई के राज्यसभा सांसद विनय विश्वम ने विदेश मंत्रालय से पूछा था कि भारत सरकार ने कितनी विदेशी कंपनियों के साथ करार पर दस्तखत किये हैं. उन्होंने हर सेक्टर के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी थी.

  • अपने दूसरे सवाल में श्री विश्वम ने पूछा कि साइबर सुरक्षा के माध्यम से आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कितनी विदेशी कंपनियों के साथ करार किये हैं.

  • उनका तीसरा सवाल था कि देश में साइबर सिक्यूरिटी की मदद से आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार ने एनएसओ ग्रुप से कोई समझौता किया है. अगर हां, तो उसके बारे में विस्तार से बतायें.

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सदस्यों की ओर से पूछे गये सभी प्रश्नों को पहले राज्यसभा सचिवालय के पास भेजा जाता है और वह देखता है कि सवाल स्वीकार करने योग्य है या नहीं. यदि सवाल स्वीकार करने के लायक है, तो उसे संबंधित मंत्रालय को भेज दिया जाता है, ताकि वह उसका जवाब दे. सीपीआई के सांसद यह जानना चाहते थे कि भारत सरकार ने इस्राइल की सुरक्षा संबंधी कंपनी एनएसओ ग्रुप के साथ कोई करार किया है या नहीं. उन्होंने यह भी पूछा था कि पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल राजनीतिज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विधि विशेषज्ञों और पत्रकारों की जासूसी के लिए हुआ या नहीं.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar Digital Desk
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