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विपक्षी पार्टियों के हंगामे की वजह से आज भी नहीं चली संसद, राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

पेगासस जासूसी मामला और तीन कृषि कानूनों को लेकर संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन से सरकार और विपक्ष में रस्साकशी जारी है.

नई दिल्ली : पेगासस जासूसी विवाद और कृषि कानूनों समेत कई मसलों को लेकर विपक्षी पार्टियों के भारी हंगामे की वजह से मंगलवार को भी संसद नहीं चल सकी. आलम यह कि विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार के लिए स्थगित कर दी गई. यह बात दीगर है कि राज्यसभा में गतिरोध के बावजूद नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक ध्वनि मत से पास कर दिया गया. वहीं, सरकार की ओर से किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधन विधेयक-2021 को चर्चा और पारित करने के लिए सदन की पटल पर पेश किया गया.

बता दें कि पेगासस जासूसी मामला और तीन कृषि कानूनों को लेकर संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन से सरकार और विपक्ष में रस्साकशी जारी है. विपक्ष इन मामलों पर बहस कराना चाहता है, जबकि सरकार मामलों से जुड़े मंत्रियों का बयान दिलाकर अपना पक्ष रखना चाहती है. पेगासस मामले पर भी उसने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से ही बयान दिलवाया था, जिस पर विपक्ष ने विरोध दर्ज कराया था.

विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से ही मानसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया था, जबकि सोमवार को भी सदन में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं हो सका था. पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा द्वारा सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित किए जाने से पहले केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधन विधेयक-2021 को सदन में पेश किया. यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है.

हालांकि सस्मित पात्रा इस विधेयक पर चर्चा शुरु कराना चाहते थे, लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया. नतीजतन, उन्हें सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी. इससे पहले, जैसे ही तीन बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, उपसभापति हरिवंश ने नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधयेक पर चर्चा का जवाब देने के लिए पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल का नाम पुकारा.

विपक्ष के भारी हंगामे के बीच ही मंत्री सोनोवाल ने चर्चा का जवाब दिया और सदन से इस विधेयक को पारित करने की अपील की. विधेयक को पारित कराने के दौरान कुछ सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की. इस पर उपसभापति ने कहा कि जब तक सदस्य अपने स्थानों पर नहीं लौटेंगे, उनके लिए मत विभाजन कराना संभव नहीं है.

उन्होंने सदस्यों से बार-बार आग्रह किया कि वह अपने स्थानों पर लौट जाएं, लेकिन उनकी बात पर हंगामा कर रहे सदस्यों ने कुछ ध्यान नहीं दिया. नतीजतन, उपसभापति ने हंगामे के बीच ही ध्वनिमत से विधेयक के पारित होने की घोषणा की. इसके बाद भी जब हंगामा जारी रहा, तो उन्होंने सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, आज एक बार फिर प्रश्न काल और शून्य काल बाधित हुआ.

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Posted by : Vishwat Sen

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