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26/11 से जुड़े पेरिस हमलावर की डॉक्यूमेंट्री में पाकिस्तान का आतंकी जाल उजागर

Documentary, Pakistan, Terrorism, Lashkar-e-Taiba : नयी दिल्ली : पेरिस हमले के साजिशकर्ता पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मुहम्मद गनी उस्मान ने जर्मन न्यूज डीडब्ल्यू की डॉक्यूमेंट्री में मुंबई हमलों की योजना और क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला है.

नयी दिल्ली : पेरिस हमले के साजिशकर्ता पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मुहम्मद गनी उस्मान ने जर्मन न्यूज डीडब्ल्यू की डॉक्यूमेंट्री में मुंबई हमलों की योजना और क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला है. मालूम हो कि मुहम्मद गनी उस्मान साल 2015 से ही पेरिस हमलों में फ्रांस की जेल में बंद है. वृत्तचित्र को डीडब्ल्यू ने यूट्यूब पर भी प्रसारित किया है. डाक्यूमेंट्री निर्माताओं का मुख्य उद्देश्य उन सुरागों तक पहुंचना है, जिससे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की आतंकियों से संलिप्तता का पता चलता है. डॉक्यूमेंट्री से पता चलता है कि लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख सदस्य था.

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2008 के मुंबई हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम मुहम्मद गनी उस्मान से भी पूछताछ कर चुकी है. एनआईए के मुताबिक, मुहम्मद गनी उस्मान पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के संपर्क में था, जिसने मुंबई हमले की साजिश रची थी. डॉक्यूमेंट्री में आतंकियों की प्रमुख साजिशों के संबंध में बात की गयी है. इसमें साजिद मीर नाम के एक शख्स की बात कही गयी है. लेकिन, यह व्यक्ति कौन है? हालांकि, साजिद मीर का नाम इससे पहले हेडली के हैंडलर के रूप में सामने आया था. उसके सिर पर पांच मिलियन डॉलर का इनाम है.

वहीं, अमेरिका में संदिग्ध साजिद मीर की भूमिका के बारे में बताया जाता है कि वह पश्चिमी देशों के लोगों को लश्कर-ए-तैयबा के नाम पर हमला करने और उन्हें यूरोप या अमेरिका वापस भेजने के लिए भर्ती करने और प्रेरित करने में भूमिका निभाता है. मालूम हो कि मुंबई हमले के लिए भारतीय एजेंसियां लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार मानती हैं. डॉक्यूमेंट्री निर्माताओं का दावा है उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि आईएसआई ने आतंकवादी संगठनों, खास कर लश्कर-ए-तैयबा के साथ अपना सहयोग बढ़ाया है.

बताया जाता है कि साजिद मीर अब भी पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता है और डेविड कोलमैन हेडली का पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री सैयद यूसुफ रजा गिलानी से संबंध है. मालूम हो कि अमेरिका ने भारत के साथ हेडली के वित्तीय लेनदेन को साझा नहीं किया है. बेस्ट सेलिंग किताब ‘इंडियन मुजाहिदीन : द एनिमन विदिन’ के लेखक और आतंकवाद के विशेषज्ञ शिशिर गुप्ता ने कहा है कि अमेरिकी सेना के अगले माह अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पाकिस्तान में आतंकी कारखाना पूरी तरह से उत्साहित होगी और पूरी दुनिया पर इसका प्रभाव पड़ेगा.

वहीं, फ्रांसीसी जांचकर्ताओं को संदेह है कि पेरिस हमलों और ब्रसेल्स में आत्मघाती बम विस्फोटों की जिम्मेदारी लेनेवाले इस्लामिक स्टेट ने उस्मान और हद्दादी को हमले करने के लिए यूरोप भेजा था. उस्मान और संदिग्ध इस्लामिक स्टेट फाइटर एडेल हद्दादी को शरणार्थियों के साथ लेरोस के ग्रीक द्वीप पर जाली पासपोर्ट होने के कारण गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, 25 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद नवंबर के अंत में पेरिस हमलों के बाद पश्चिमी ऑस्ट्रिया के साल्ज़बर्ग में पहुंच गये. हालांकि, दोनों को दिसंबर 2015 में फिंगरप्रिंट के जरिये उन्हें इस्लामिक स्टेट द्वारा चुराये गये पासपोर्ट के कारण ऑस्ट्रियाई अदालत ने मुकदमे के लिए उनके फ्रांस स्थानांतरण को मंजूरी दे दी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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