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ईवीएम के खिलाफ विपक्ष का हल्लाबोल, ईसीआई की दर पर देंगे दस्तक

विपक्षी दलों ने गुरुवार को तय किया है कि वे लोग चुनावों में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के इस्तेमाल और खासतौर पर रिमोट वोटिंग के लिए ईवीएम के इस्तेमाल पर अपनी चिंताओं का समाधान खोजने के लिए निर्वाचन आयोग से मिलेंगे. एनसीपी के शरद पवार ने विपक्षी दलों के नेताओं को इस बैठक में आमंत्रित किया था.

नई दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और रिमोट वोटिंग को लेकर गुरुवार की शाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सुप्रीमो शरद पवार के नई दिल्ली स्थित आवास पर विपक्षी पार्टियों की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में यह फैसला किया कि ईवीएम और रिमोट वोटिंग के मसले पर विपक्षी दलों के नेता भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का दरवाजा खटखटाएंगे.

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी दलों ने गुरुवार को तय किया है कि वे लोग चुनावों में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के इस्तेमाल और खासतौर पर रिमोट वोटिंग के लिए ईवीएम के इस्तेमाल पर अपनी चिंताओं का समाधान खोजने के लिए निर्वाचन आयोग से मिलेंगे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने विपक्षी दलों के राज्यसभा में नेताओं को इस बैठक में आमंत्रित किया था. कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह, राज्य सभा के निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सदस्य अनिल देसाई और बीआरएस सदस्य के. केशव राव आदि ने हिस्सा लिया.

बैठक में टीएमसी शामिल नहीं

बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से किसी नेता ने हिस्सा नहीं लिया. बैठक के बाद पवार ने कहा कि हमने बस कुछ सवाल उठाए हैं और हम निर्वाचन आयोग से जवाब की आशा रखते हैं. दिग्विजय सिंह ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि विपक्षी दलों ने प्रवासी मजदूरों द्वारा मताधिकार के उपयोग के लिए रिमोट ईवीएम की तैनाती के निर्वाचन आयोग के फैसले को आमसहमति से खारिज कर दिया है.

ईवीएम को लेकर संदेह : दिग्विजय

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों ने रिमोट ईवीएम के प्रदर्शन के संबंध में निर्वाचन आयोग की योजना को नकार दिया है. मतदाताओं में ईवीएम को लेकर संदेह है. पहले वे कहा करते थे कि ईवीएम एकल इकाई वाली मशीन है और अब वे कह रहे हैं कि इंटरनेट के माध्यम से उनमें उम्मीदवारों के नाम जोड़े जा सकते हैं. कपिल सिब्बल ने कहा कि अन्य कोई देश चुनाव कराने के लिए ईवीएम का उपयोग नहीं करता है, फिर भारत में मशीनों का उपयोग क्यों हो रहा है. सिब्बल और सिंह ने उन सवालों को नजरअंदाज कर दिया कि क्या वे ईवीएम की मदद से हुए चुनावों में विपक्षी दलों की जीत पर भी संदेह करते हैं.

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ईवीएम पर किसने जताया संदेह

विस्तार से जानकारी दिए बगैर सिब्बल ने कहा कि हमने अंतिम बार निर्वाचन आयोग से मिलने का फैसला लिया है. हम अपनी चिंताओं पर निर्वाचन आयोग का पक्ष सुनना चाहते हैं. अगर निर्वाचन आयोग हमारी चिंताओं का समाधान नहीं कर पाता है, तो हम राजनीतिक कार्रवाई करेंगे. दिग्विजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मदन लोकूर की अध्यक्षता वाले ‘सिटिजन कमिशन ऑन इलेक्शन’ ने ईवीएम पर संदेह जताया है और निर्वाचन आयोग को अर्जी भी दी है लेकिन उन्हें आयोग से कोई उत्तर नहीं मिला है.

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