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कृषि कानून वापसी पर बोले शरद पवार- भूल नहीं सकते, सरकार के कारण 1 साल धरने पर बैठने को मजबूर हुए किसान

तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने के पीएम मोदी के ऐलान पर एनसीपी प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. एनसीपी प्रमुख ने कहा कि जैसे-जैसे यूपी, पंजाब के चुनाव नजदीक आए और हरियाणा, पंजाब में लोगों ने बीजेपी का बहिष्कार करना शुरू कर दिया.

Decision to Repeal Farm Laws तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने के पीएम मोदी के ऐलान पर एनसीपी प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जैसे-जैसे यूपी, पंजाब के विधानसभा चुनाव नजदीक आए और हरियाणा, पंजाब में लोगों ने बीजेपी का बहिष्कार करना शुरू कर दिया. सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया है. शरद पवार ने कहा कि हम यह नहीं भूल सकते कि इस सरकार के कारण किसान एक साल तक धरने पर बैठने को मजबूर हुए.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से क्षमा मांगते हुए शुक्रवार को नए कृषि कानूनों को निरस्त करने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की. गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने यह घोषणाएं की और विवादास्पद कानूनों का विरोध कर रहे किसानों व कृषि संगठनों से अपना आंदोलन समाप्त करने की गुजारिश की.

वहीं, पीएम मोदी के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा का महाराष्ट्र के लगभग सभी बड़े नेताओं ने किसानों की जीत बताया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कृषि अधिनियम को निरस्त करने की घोषणा इस बात का उदाहरण है कि इस देश में आम आदमी क्या कर सकता है और इसकी ताकत क्या है. उन्होंने कहा, कि मुझे उम्मीद है कि इन कानूनों को निरस्त करने की तकनीकी प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी.

Also Read: संसद के शीतकालीन सत्र में रद्द होंगे नए कृषि कानून, विशेषज्ञों के नजरिए से जानें प्रक्रिया

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