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मणिपुर में हिंसा जारी : कुकी उग्रवादियों की फायरिंग में बीएसएफ का जवान शहीद, दो घायल

बीएसएफ के अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुबह करीब 4.15 बजे सेरौ प्रैक्टिकल हाई स्कूल में तैनात बीएसएफ जवानों को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी की. इस गोलीबारी में कांस्टेबल रंजीत यादव को गोली लग गई और उन्हें काकचिंग के ‘जीवन अस्पताल’ ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

इंफाल : उत्तर-पूर्व के मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. मणिपुर के काकचिंग जिले के सेरौ इलाके में मंगलवार सुबह संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के साथ एक मुठभेड़ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान शहीद हो गए, जबकि असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच यह गोलीबारी काकचिंग जिले के सुगनू में सैरो इलाके स्थित एक स्कूल में हुई. हालांकि, इलाके सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है.

अहले सुबह बीएसएफ जवानों पर फायरिंग

बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध कुकी शरारती तत्वों ने सुबह करीब सवा चार बजे सेरौ प्रैक्टिकल हाई स्कूल में तैनात बीएसएफ जवानों को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी की. अधिकारी ने बताया कि इस गोलीबारी में कांस्टेबल रंजीत यादव को गोली लग गई और उन्हें काकचिंग के ‘जीवन अस्पताल’ ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

असम राइफल्स के दो जवान घायल

भारतीय सेना के दीमापुर स्थित स्पीयर कोर मुख्यालय ने ट्विटर पर जानकारी दी कि असम राइफल्स के दो घायल जवानों को हवाई मार्ग से मंत्रिपुखरी ले जाया गया है और तलाशी अभियान जारी है. स्पीयर कोर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘मणिपुर में सुगनू और सेरौ इलाकों में असम राइफल्स, बीएसएफ तथा पुलिस द्वारा चलाए गए व्यापक अभियान के दौरान पांच-छह जून की दरमियानी रात सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी हुई. सुरक्षा बलों ने गोलीबारी का समुचित जवाब दिया.

फायेंग में भी सुरक्षा बलों और उग्रवादियों में मुठभेड़

पुलिस ने बताया कि पश्चिमी इंफाल जिले के फायेंग में भी सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच भीषण गोलीबारी की सूचना है. इससे पहले नाराज ग्रामीणों ने रविवार रात मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में एक खाली शिविर में आग लगा दी थी, जहां यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे हुए थे. काकचिंग जिले के सेरौ स्थित सुगनू से कांग्रेस विधायक के. रंजीत के आवास सहित कम से कम 100 खाली घरों को उग्रवादियों द्वारा आग लगाये जाने के बाद ग्रामीण अपना आक्रोष निकाल रहे थे.

इंटरनेट सेवाएं 10 जून तक ठप

इस बीच, मणिपुर सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध मंगलवार को 10 जून तक बढ़ा दिया. आयुक्त (गृह) एच ज्ञान प्रकाश की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवाओं का निलंबन 10 जून की दोपहर बाद 3 बजे तक बढ़ा दिया गया है. यह प्रतिबंध पहली बार 3 मई को लगाया गया था. मणिपुर में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 98 लोगों की मौत हो गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे. वर्तमान में कुल 37,450 लोग 272 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.

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3 मई को भड़की थी हिंसा

अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं थीं. मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय लगभग 53 फीसदी हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. जनजातीय नगा और कुकी जनसंख्या का 40 फीसदी हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं. राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब सेना और असम राइफल्स के 10,000 जवानों को तैनात किया गया है.

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