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Madhya Pradesh by Election 2020 : ‘मदरसों से निकलते हैं आतंकवादी’, शिवराज की मंत्री ने दिया विवादित बयान…

Madhya Pradesh by Election 2020 : मध्य प्रदेश सरकार में पर्यटन और संस्कृति विभाग की मंत्री Usha Thakur ने मांग की है कि मदरसों (Madrasas, Muslims ,terrorists ) को दी जाने वाली सरकारी सहायता को बंद किया जाना चाहिए.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार में पर्यटन और संस्कृति विभाग की मंत्री उषा ठाकुर (Usha Thakur) ने मदरसों (Madrasas, Muslims) के लेकर विवादित बयान दे दिया है जिसपर हंगामा मच सकता है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि मदरसों को दी जाने वाली सरकारी सहायता को बंद किया जाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि सभी आंतकी मदरसों से ही निकलते हैं. सूबे में होने वाले उपचुनाव के बीच इस बयान को लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमला कर सकती है.

उषा ठाकुर ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कमलनाथ सरकार मंदिरों से जजिया कर्ज जैसा टैक्स वसूलने का काम करती थी. ये बातें इंदौर में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उषा ठाकुर ने कही. ठाकुर ने आगे कहा कि मदरसों को शासकीय सहायता बंद होनी चाहिए, वक्फ बोर्ड की बात करें तो वह अपने आप में खुद एक सक्षम संस्था है. यदि निजी तौर पर कोई सहायता पहुंचाना चाहता है तो हमारा संविधान उसकी इजाजत देता है, लेकिन हम खून पसीने की गाढ़ी कमाई को जाया नहीं होने देंगे. इन पैसों का उपयोग हम विकास के काम में लगाएंगे…

आगे मंत्री उषा ने मदरसों पर इल्ज़ाम लगाया और कहा कि मदरसों में जिस तरह की शिक्षा दी जाती है…. उसपर गौर किया जाए…तो लगता है कि यहां से आतंकवादी ही बाहर निकलते हैं….क्यों न देश विरोधी गतिविधियां जो मदरसो में की जा रही हैं, उन्हें बंद कर दिया जाए….

असम में बंद होंगे सरकारी मदरसे : आपको बता दें कि असम सरकार राज्य में सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद करने जा रही है और इस सिलसिले में अधिसूचना नवंबर में जारी की जाएगी. राज्य के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि मदरसे देश की आजादी से पूर्व के काल में खोले गये थे और ये ‘‘मुस्लिम लीग”की विरासत हैं.

शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा: राज्य के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पिछले दिनों संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा और सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों को उच्च विद्यालयों में तब्दील कर दिया जाएगा. मौजूदा छात्रों को नियमित छात्रों के तौर पर नये सिरे से दाखिले लिये जाएंगे. उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष के छात्रों को उत्तीर्ण हो कर वहां से निकलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन इन स्कूलों में अगले साल जनवरी में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को नियमित छात्रों की तरह पढ़ाई करनी होगी.

Posted By : Amitabh Kumar

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