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Lateral Entry: लेटरल एंट्री से कैसे होती है नियुक्ति, मोदी सरकार की इस नीति के खिलाफ हंगामे की क्या है वजह?

Lateral Entry: लेटरल एंट्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. जिसके जरिए केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे. लेकिन इस योजना पर लगातार हंगामा जारी है. विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है.

Lateral Entry: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने विभिन्न सरकारी विभागों में विशेषज्ञों की भर्ती के वास्ते 45 पदों के लिए शनिवार को विज्ञापन दिया था. इन पदों में 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद हैं. इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भरा जाना है. इस फैसले की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की और दावा किया कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण के अधिकार कमजोर होंगे.

‘लेटरल एंट्री’ की अवधारणा पहली बार कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गई थी

‘लेटरल एंट्री’ की अवधारणा पहली बार कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान शुरू की गई थी और 2005 में वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में स्थापित दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) ने इसका जोरदार समर्थन किया था. आरंभ में लेटरल एंट्री के जरिए केवल मुख्य आर्थिक सलाहकार जैसे पद पर नियुक्ति की गई.

लेटरल एंट्री से कैसे होती है नियुक्ति

लेटरल एंट्री के जरिए प्राइवेट सेक्टर के लोगों की सीधी नियुक्ति सरकारी पदों पर होती है. सरकार संयुक्त सचिव और निदेशक/उप सचिव जैसे पदों पर प्राइवेट सेक्टर के लोगों को कॉन्ट्रैक्ट के तहत काम करने का मौका देती है.

3 साल के लिए होगी नियुक्ति, 17 सितंबर तक किया जाएगा आवेदन

विभिन्न मंत्रालयों, विभागों में रिक्तियों को अनुबंध के आधार पर तीन साल की अवधि के लिए (प्रदर्शन के आधार पर पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है) भरा जाना है. इसके लिए यूपीएससी की वेबसाइट के माध्यम से 17 सितंबर तक आवेदन किए जा सकते हैं. गृह, वित्त और इस्पात मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों के 10 पद हैं. कृषि एवं किसान कल्याण, नागर विमानन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों में निदेशक/उप सचिव स्तर के 35 पद भरे जाएंगे.

न्यूनतम उम्र सीमा

निजी क्षेत्र की कंपनियों, परामर्शदात्री संगठनों, बहुराष्ट्रीय संगठनों में काम करने वाले व्यक्ति, जिनके पास संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए न्यूनतम 15 वर्ष, निदेशक स्तर के पदों के लिए न्यूनतम 10 वर्ष तथा उप सचिव स्तर के पदों के लिए न्यूनतम सात वर्ष का अनुभव हो, आवेदन करने के पात्र हैं. संयुक्त सचिव स्तर के पद के लिए न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा क्रमशः 40 और 55 वर्ष है तथा अनुमानित सकल वेतन महंगाई, परिवहन और मकान किराया भत्ते सहित लगभग 2.7 लाख रुपये होगा. निदेशक स्तर के पद के लिए न्यूनतम आयु 35 वर्ष और अधिकतम आयु 45 वर्ष है.

चयनित उम्मीदवारों को इतना मिलेगा वेतन

चयनित उम्मीदवारों को लगभग 2.32 लाख रुपये वेतन मिलेगा. उप सचिव स्तर के लिए, न्यूनतम आयु 32 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष वाले उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र हैं. इस स्तर पर उम्मीदवारों के लिए लगभग 1.52 लाख रुपये का सकल वेतन निर्धारित किया गया है.

2018 से ही जारी है लेटरल एंट्री के तहत नियुक्ति

केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर ‘लेटरल एंट्री’ भर्ती 2018 से ही की जा रही है, ताकि विशिष्ट कार्य के लिए व्यक्तियों की नियुक्ति की जा सके. इसमें संबंधित क्षेत्र में व्यक्ति के विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता को ध्यान में रखा जाता है. इन स्तरों पर अधिकारी नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अब तक ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए 63 नियुक्तियां की गई हैं, जिनमें से 35 नियुक्तियां निजी क्षेत्र से हैं.

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