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Kisan Andolan LIVE Updates: टिकरी, धनसा बॉर्डर बंद, झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया और पैदल यात्रियों के लिए खुला

Kisan Andolan, Farmers protest LIVE Updates : नये कृषि कानूनों (Farm Laws 2020) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पिछले 20 दिनों से जारी है और तेज होता जा रहा है. दिल्ली बॉर्डर पर देश के तमाम हिस्सों से आये किसान अपने मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और कृषि कानूनों के जारी किसानों का आंदोलन बिल्कुल भी कमजोर पड़ता नजर नहीं आ रहा है. मोदी सरकार और किसानों के बीच कई दौर के बातचीत के बाद भी कोई नतीजा निकलता नहीं नजर आ रहा है. वहीं मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार किसान संगठनों से वार्ता जारी रखने को तैयार है. किसान आंदोलन से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहें prabhatkhabar.com के साथ…

लाइव अपडेट

टिकरी, धनसा बॉर्डर बंद, झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया और पैदल यात्रियों के लिए खुला

किसान आंदोलन के कारण टिकरी, धनसा बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. यहां से किसी भी तरह के ट्रैफिक मूवमेंट बंद रहेंगे. झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया और पैदल यात्रियों के लिए खुला है. यह जानकारी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने दी.

पंजाब के किसानों को गुमराह करने की हो रही साजिश : कृषि मंत्री तोमर

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर में किसान सम्मेलन में कहा, पंजाब के किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. दूसरी तरफ आप जैसे किसान नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए इकट्ठा हुए. मैं आप सब का स्वागत और अभिनंदन करना चाहता हूं.

AAP ने कहा, किसान आंदोलन का हल केंद्र के पास, जिद छोड़े सरकार

सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, Farm Laws का समाधान केंद्र के पास है, वो अपनी जिद छोड़े और किसानों का आदोलन समाप्त करे. राय ने कहा, यहां पर AAP की तरफ से लोगों को लंगर की सेवा दी जा रही है. AAP के जो भी वलंटियर्स हैं वो रोजाना यहां सेवादार के रूप में काम करते हैं. AAP पूरी तरह से किसानों के समर्थन में है.

दिल्ली बॉर्डरों से किसानों को हटाने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को हटाने के लिये दायर याचिकाओं पर बुधवार को केन्द्र और अन्य राज्यों से जवाब मांगा. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया कि न्यायालय इस विवाद का समाधान खोजने के लिये एक समिति गठित कर सकता है. इस समिति में सरकार और देश भर की किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा.

कल होगी मामले पर सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को, प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों को पक्ष बनाने का आदेश दिया और मामले की आगे की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी. न्यायालय ने संकेत दिया कि वह विवाद सुलझाने के लिए देशभर के किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित कर सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से किसान संगठनों को नोटिस जारी किया गया. कोर्ट ने इस मुद्दे के जल्‍द समाधान पर जोर देते हुए कहा कि सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई जाए ताकि आपसी सहमति से मुद्दों को सुलझाया जा सके.

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए पेट्रोल पंप को टेंट सिटी में बदला गया.

UP में किसानों का प्रदर्शन हुआ तेज 

किसानों के प्रदर्शन के कारण ट्रैफिक ‍व्यवस्था पर असर पड़ा है. वहीं नोएडा के ADCP रणविजय सिंह ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं।. दोनों तरफ से ट्रैफिक की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है. संगठन के लोग यहां आते-जाते रहते हैं. उनके नेतृत्व से बात करने के बाद चीजें मैनेज हो जाती हैं.

दिल्ली और नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर के लिंक रोड को प्रदर्शनकारियों ने किया जाम

दिल्ली बॉर्डर से हटाए जाएंगे प्रदर्शन कर रहे किसान?

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को किसान आंदोलन से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई होगी. इन याचिकाओं में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जाम और कोरोना वायरस संकट को लेकर भी याचिका दायर की गई है.

किसानों के समर्थन में आये पूर्व सैनिक

प्रदर्शन में अब तक 20 किसानों की हुई मौत 

कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. वहीं इसकी वजह से कई किसानों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है.किसान नेता ऋषिपाल के अनुसार आंदोलन के दौरान 20 दिनों में 20 किसानों ने अपनी जान गंवायी है. हम 20 दिसंबर को देशभर के गांवों में उन्हें श्रद्धांजलि देंगे.

किसान आंदोलन में कल से शामिल होंगे यूपी के खाप 

उत्तर प्रदेश के कई खापों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किये जा रहे किसान आंदोलन को समर्थन दिया है और वह 17 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे.खाप प्रमुखों ने कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार दिया और उन्हें वापस लेने की मांग की.

किसान नेताओं की चेतावनी 

दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों ने मंगलवार को केंद्र सरकार को सख्त चेतावनी दी. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवायेंगे. उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के लिए वे बुधवार को दिल्ली और नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह जाम कर देंगे.

भारतीय किसान यूनियन का बड़ा ऐलान 

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मंगलवार को उत्तर प्रदेश के किसान संगठन के एक समूह ने मुलाकात की. भारतीय किसान यूनियन (किसान) के सदस्यों ने नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करने के बाद आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया.कृषि मंत्री ने कहा है कि सरकार किसान संगठनों से वार्ता जारी रखने को तैयार है.

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