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बड़ा खुलासा: केरल सोना तस्करी मामले में डॉन दाऊद इब्राहीम का हाथ

Kerala gold smuggling मामले में आतंकी संपर्कों की जांच कर रहे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने यहां एक विशेष अदालत में संकेत दिए कि उसे संबंधित रैकेट में माफिया डॉन Dawood Ibrahim के गिरोह के शामिल होने का संदेह है.

केरल सोना तस्करी मामले (Kerala gold smuggling) में आतंकी संपर्कों की जांच कर रहे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने यहां एक विशेष अदालत में संकेत दिए कि उसे संबंधित रैकेट में माफिया डॉन दाऊद इब्राहीम (Dawood Ibrahim) के गिरोह के शामिल होने का संदेह है.

एजेंसी ने कहा कि सोने की तस्करी से मिलने वाले मुनाफे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंकी कृत्यों में होने की संभावना संबंधी खुफिया जानकारी है. इसने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए 180 दिन तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना अत्यंत आवश्यक है. एजेंसी ने सभी आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया.

दो मुख्य षडयंत्रकारी यूएई में गिरफ्तार: इधर केरल सोना तस्करी मामले के दो मुख्य षडयंत्रकारी फैसल फरीद और रबिन्स हमीद को यूएई में गिरफ्तार किया गया है. मामले में आतंकी पहलू की तहकीकात कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बीते मंगलवार को यह जानकारी दी. एजेंसी ने यहां विशेष एनआईए अदालत को बताया कि यह सूचना यूएई के अधिकारियों ने दी है. एनआईए की टींम मामले में जांच के सिलसिले में अगस्त में दुबई गई थी, उस दौरान एजेंसी को मुख्य षडयंत्रकारियों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी गई.

आरोपी हमीद गिरफ्तार : एजेंसी ने बताया कि एनआईए की टीम की वहां की शुरुआती यात्रा के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि तीसरे नम्बर के आरोपी फरीद और 10 नम्बर के आरोपी हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया है. सभी साजिशकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि “आरोपियों ने भारत और यूएई के दोस्ताना ताल्लुकातों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. एनआईए ने उक्त बातें मामले में सातवें नम्बर के आरोपी पी मोहम्मद शफी की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहीं हैं.

फरीद और हमीद ने भारत में गिरफ्तार किए गए : एजेंसी ने कहा कि यूएई के अधिकारियों ने यह भी बताया कि फरीद और हमीद ने भारत में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर साजिश के तहत जुर्म को अंजाम दिया और यूएई फरार हो गए. उन सभी ने जानते बूझते तिरुवनंतपुरम में स्थित यूएई के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक कार्गो के जरिए सोने की तस्करी की और इसके लिए जाली प्राधिकृत प्रमाण पत्र बनाए या यूएई के राजनयिकों से छल से इन्हें हासिल किया. एजेंसी ने कहा कि एनआईए अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर फरार आरोपियों के खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि उनकी भारत में मौजूदगी सुनिश्चित की जा सके.

फरार आरोपियों में…: फरार आरोपियों में फरीद, हमीद, सिद्दीक उल अकबर, अहमद कुट्टी, राजू उर्फ रथीस और मोहम्मद शमीर शामिल हैं. एनआईए ने यह भी बताया कि यूएई से सबूत हासिल करने के लिए परस्पर कानूनी सहायता अनुरोध को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस मामले में बड़ा लेन-देन, खासकर हवाला के जरिए वित्त पोषित करना, तस्करी किए गए सोने की खरीद आदि चीजें यूएई में हुई हैं. उसने कहा कि भारत में जांच के जरिए हासिल किए तथ्यों के आधार पर सबूतों को इकट्ठा किया जाना है. इसके लिए एनआईए के अधिकारी यूएई की और यात्राएं करेंगे. वे तस्करी किए गए सोने का स्रोत, अन्य की संलिप्तता, भारतीय की आर्थिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाना और यूएई से अपराध करने में मदद करने वालो के संबंध में साक्ष्यों को एकत्रित करेंगे.

एनआईए ने कहा : शफी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एनआईए ने कहा कि वह तस्करी का मुख्य आरोपी है और उसने अन्य आरोपी रमीज के साथ मिलकर यूएई के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक सामान के जरिए नवंबर 2019 से 21 बार सोने की तस्करी की है. उसने भारत की आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालने की मंशा से यह किया है. तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पांच जुलाई को “राजनयिक सामान” से 15 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया गया था जिसकी जांच एनआईए, सीमा शुल्क और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं.

Posted By : Amitabh Kumar

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