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मुकेश अंबानी के घर विस्फोटक मामला : वारदात के लिए तिहाड़ से रची गई साजिश? सरकार ने जेल के डीजी से मांगी रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस ने बताया कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास से एक कार में मिले विस्फोटक के मामले में आतंकी कृत्य या धमकियों की जिम्मेदारी लेने के लिए जिस मोबाइल फोन पर ‘टेलीग्राम' चैनल का इस्तेमाल किया गया था, उसे तिहाड़ जेल से जब्त किया गया है. पुलिस ने इस मामले में जेल प्रशासन से संपर्क किया था.

  • मुंबई पुलिस ने जांच के दौरान तिहाड़ जेल से वारदात को ऑपरेट करने लगाया पता

  • दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार की देर रात संघन जांच में तिहाड़ से पाया मोबाइल

  • तिहाड़ में जेल नंबर आठ में बंद है इंडियन मुजाहिद्दीन का प्रमुख तहसीन अख्तर

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने तिहाड़ जेल से एक मोबाइल फोन जब्त होने के संबंध में दिल्ली जेल के महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है. मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर के पास एक वाहन में विस्फोटक मिलने के मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस द्वारा जेल अधिकारियों से संपर्क किये जाने के बाद दिल्ली सरकार ने यह रिपोर्ट मांगी है.

दिल्ली पुलिस ने बताया कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास से एक कार में मिले विस्फोटक के मामले में आतंकी कृत्य या धमकियों की जिम्मेदारी लेने के लिए जिस मोबाइल फोन पर ‘टेलीग्राम’ चैनल का इस्तेमाल किया गया था, उसे तिहाड़ जेल से जब्त किया गया है. पुलिस ने इस मामले में जेल प्रशासन से संपर्क किया था.

पुलिस ने कहा कि मोबाइल फोन तिहाड़ के सेंट्रल जेल नंबर 8 में एक बैरक से बरामद किया गया है, जिसमें तहसीन अख्तर उर्फ मोनू बंद है, जो आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का प्रमुख था. वह अन्य कैदियों के साथ इस बैरक में बंद है.

दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने संवाददाताओं से कहा कि इस मामले की जांच का आदेश दे दिया गया है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जैन ने इस संबंध में महानिदेशक (जेल) को पत्र भी लिखा है और जेल से एक मोबाइल फोन जब्त किये जाने के बारे में एक रिपोर्ट मांगी है.

वहीं, मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया था कि मुंबई में मुकेश अंबानी के आवास के पास एसयूवी में विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी लेने का दावा करने वाले जैश-उल-हिंद संगठन का ‘टेलीग्राम’ चैनल दिल्ली के ‘तिहाड़ इलाके में’ बनाया गया. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मामले में दिल्ली पुलिस के विशेष शाखा ने गुरुवार को तिहाड़ जेल प्रशासन से संपर्क किया था.

महानिदेशक (दिल्ली जेल) संदीप गोयल ने कहा कि स्पेशल सेल द्वारा हमारे साथ साझा की गई जानकारी के आधार पर गुरुवार को जेल परिसर के अंदर एक तलाशी अभियान चलाया गया था. हालांकि, जेल सूत्रों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान तिहाड़ के सेंट्रल जेल नंबर 8 में बैरक से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए, जहां अख्तर अन्य कैदियों के साथ बंद है.

जेल सूत्रों ने कहा कि गुरुवार रात को तलाशी अभियान चलाया गया था और उस बैरक से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए थे जहां अख्तर भी बंद है. वह बैरक में अन्य कैदियों के साथ बंद है. जेल सूत्रों ने कहा कि दोनों मोबाइल फोन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम को उनकी जांच के सिलसिले में सौंपे गए हैं. संदेह है कि इन फोन का इस्तेमाल अख्तर सहित कई कैदियों द्वारा किया जा रहा था.

तहसीन अख्तर से जांच के सिलसिले में पूछताछ हो सकती है. वह प्रमुख संदिग्धों में शामिल है. उसे 2014 में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. वह इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद आतंकी संगठन का नेतृत्व कर रहा था.

पुलिस उपायुक्त (स्पेशल सेल) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा कि स्पेशल सेल द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर तिहाड़ जेल अधिकारियों ने एक जेल से एक मोबाइल फोन जब्त किया है, जहां कुछ आतंकवाद के दोषी बंद हैं. यह संदेह है कि इस फोन का इस्तेमाल हाल ही में आतंकवादी कृत्यों या धमकियों की जिम्मेदारी का दावा करने के लिए इस्तेमाल किए गए टेलीग्राम चैनलों के संचालन के लिए किया गया. इससे पहले दिन में अधिकारी ने कहा था कि आगे की जांच और फोरेंसिक विश्लेषण मोबाइल हैंडसेट और विवरण तिहाड़ जेल अधिकारियों से प्राप्त होने के बाद किया जाएगा.

मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि जिस फोन पर टेलीग्राम चैनल बनाया गया था, उसकी लोकेशन का पता लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने एक निजी साइबर एजेंसी की मदद ली. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान फोन का स्थान दिल्ली की तिहाड़ जेल के पास पाया गया था.

बता दें कि 25 फरवरी 2021 को दक्षिण मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला आवास एंटीलिया के पास एक महिंद्रा स्कॉर्पियो एसयूवी खड़ी पाई गई थी, जिसमें जिलेटिन की छड़ें मिलीं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, टेलीग्राम चैनल 26 फरवरी को बनाया गया था और अंबानी के आवास के बाहर वाहन रखने की जिम्मेदारी का दावा करते हुए 27 फरवरी को देर रात को टेलीग्राम ऐप पर यह संदेश पोस्ट किया गया था. संदेश में क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान मांगा गया था और उसे जमा करने के लिए एक लिंक का उल्लेख भी किया गया था.

अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान लिंक को “उपलब्ध नहीं” के रूप में पाया गया, जिसके कारण जांचकर्ताओं को इसके शरारती होने का संदेह था. 28 फरवरी को जैश-उल-हिंद का एक अन्य संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आया, जिसमें दावा किया गया कि घटना में संगठन की कोई भूमिका नहीं थी.

शुरू में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने मामले में जांच शुरू की. यह गाड़ी मनसुख हिरेन के पास थी. हिरेन की संदिग्ध हालात में मौत के बाद मामले को महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को स्थानांतरित किया गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विस्फोटक लदी गाड़ी की बरामदगी के मामले में जांच का जिम्मा सोमवार को अपने हाथ में ले लिया.

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Posted by : Vishwat Sen

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