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भगवान के नाम को कोड बनाकर क्रिकेट में सट्टेबाजी कर रहा था अंतरराष्ट्रीय गिरोह, हुआ भंडाफोड़

जय माता दी, जय गोविंद देव जी, बालाजी महाराज की जय ,किसी भी फोन में या व्हाट्सएप में यह मैसेज देखकर क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह मैसेज किसी भगवान के आशीर्वाद के लिए उनके जयकारा लगाने के अलावा भी कुछ हैं.

जय माता दी, जय गोविंद देव जी, बालाजी महाराज की जय ,किसी भी फोन में या व्हाट्सएप में यह मैसेज देखकर क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह मैसेज किसी भगवान के आशीर्वाद के लिए या उनके जयकारा लगाने के अलावा भी कुछ हैं.

राजस्थान में आईपीएल में सट्टा लगाने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जो इसी तरह के कोड का इस्तेमाल करके धड़ल्ले से सट्टे का कोराबार कर रहा था. आईपीएल में सट्टा का कारोबार कई जगहों पर चलता है लेकिन बेहद गुप्त तरीके से चलने वाले इस कारोबार का पता लगाना मुश्किल होता है.

राजस्थान में जयपुर पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफास किया. क्रिकेट पर सट्टा लगाने वाले एक बड़े ऑनलाइन रैकेट का हिस्सा हैं. स्पेशल टीम ने अचानक रेड करके कई लोगों को गिरफ्तार किया है. हैरान करने वाली बात है कि इनके पास से 4.18 करोड़ रुपये भी जब्त किये गये हैं. सट्टेबाजों के पास कई लोग ऑनलाइन माध्यम से भी पैसे लगा रहे थे.

जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि सट्टोरिये कोड का इस्तेमाल करते थे जब हमें इस गिरोह की जानकारी मिली तो हमने इसे गुप्त रखा औऱ जानकारियां इकट्ठा करने लगे, हमें पता चला की बेहद सुनियोजित ढंग से गिरोह चल रहा है क्रिकेट इस सीजन में यह ज्यादा सक्रिय था. स्टेशल टीम और स्थानीय पुलिस की मदद से पिछले दो सप्ताह में दो रेड किये गये यहां से कई मोबाइल, इंटरनेट का सामान और कोरोड़ो रुपये बरामद किये गये.

पुलिस ने बताया, यह गैंग इंटरनेशनल बेटिंग गैंग के साथ अपने संबंध रखता था और उसका एक हिस्सा बनकर काम कर रहा था. जयपुर के कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने कहा, इस सीजन में जब क्रिकेट चल रहा था यह लोग एक्टिव थे. इस रैकेट में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

जांच के दौरान पता चला कि क्रिकेट में सट्टा खिलाने वालों ने व्हाट्सएप ग्रुप और दूसरी सोशल मीडिया ग्रुप को बना रखा है. इसके माध्यम से वह लेन – देन का रिकार्ड रखते थे कौन किस टीम में पैसे लगा रहा है, कितना लगा रहा है.पुलिस ने बताया कि यह कोड जय माता दी, जय गोविंद देव जी, बालाजी महाराज की जय, इसके अलावा भी कई नाम जो कोड की तरह इस्तेमाल होते थे

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इसके अलावा किलो जैसे शब्द का इस्तेमाल एक लाख रुपये, चिकन का इस्तेमाल एक करोड़ रुपये के लिए एडिशनल एसपी अजय पाल लांबा ने बताया कि इसी तरह कई कोड का इस्तेमाल इसे चलाने के लिए किया जाता था .उन्होंने यह भी स्पष्ट तौर पर कहा कि इस तरह का गिरोह अंतराष्ट्रीय गिरोह की देखरेख में उनकी मदद से चलता है और यह सब इंटरनेट और वेबसाइट के माध्यम से चलता है सभी आपस में जुड़े होते हैं.

इससे कमाये गये पैसे को भी गिरोह बड़ी योजना के साथ इस्तेमाल करता था कई फर्जी नाम से कंपनियों के बैंक अकाउंट खोलकर इस पैसे का उपयोग हो जाता था. पुलिस ने यह भी विस्तार से जानकारी दी कि कैसे एक गिरोह में कई तरह के सदस्य होते हैं जिनका काम ज्यादा से ज्यादा लोगों को बेटिंग में पैसा लगाने में मदद करना औऱ उनकी वेबसाइट तक लाना था. कैसे गिरोह से जुड़े छोटे- छोटे लोग भी गिरोह में अहम भूमिका निभाते थे.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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