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Friday, March 29, 2024

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Mann Ki Baat: भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी, हमारे रगों में है लोकतंत्र- जानिए मन की बात में और क्या बोले पीएम मोदी

Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि योगी की तरह मिलेट्स भी सेहत के लिए जरूरी है. अब पूरी दुनिया इसे मानने लगी है. इसके महत्व को समझ रही है. पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष दोनों का निर्णय भारत के प्रस्ताव के बाद लिया है.

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार को साल 2023 की पहली मन की बात कार्यक्रम कर देश के लोगों से बात की. आज पीएम मोदी के मन की बात का 97 वां संस्करण था. मन की बात में पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड का जिक्र करते हुए कहा कि कई लोगों ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह की काफी प्रशंसा हो रही है. पीएम मोदी ने जैसलमेर के पुलकित का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने लिखा है कि कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा.

हमारी रगों में है लोकतंत्र: मन की बात में PM मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हम भारतीयों को इस बात का गर्व भी है कि हमारा देश लोकतंत्र की जननी भी है. लोकतंत्र हमारी रगों में हैं, हमारी संस्कृति में है. सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है. स्वभाव से हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं.

मिटेट्स को दुनिया में मिली पहचान: पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि योगी की तरह मिलेट्स भी सेहत के लिए जरूरी है. अब पूरी दुनिया इसे मानने लगी है. इसके महत्व को समझ रही है. पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष दोनों का निर्णय भारत के प्रस्ताव के बाद लिया है. उन्होंने कहा कि मिलेट्स को बाजार तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि दोनों अभियानों में जनता की भागीदारी के कारण एक क्रांति रास्ते पर है.

आदिवासी भाषाओं के जानकारों को पद्म पुरस्कार: मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि टोटो, हो, कुई, कुवी और मांडा जैसी आदिवासी भाषाओं पर काम करने वाली कई महान हस्तियों को पद्म पुरस्कार मिल चुके हैं. यह हम सबके लिए गर्व की बात है. सिद्दी, जारवा और ओंगे आदिवासियों के साथ काम करने वालों को इस बार भी पुरस्कृत किया गया है.  उन्होंने कहा कि पद्म पुरस्कार विजेताओं की एक बड़ी संख्या आदिवासी समुदायों और आदिवासी समाज से जुड़े लोगों से आती है.

जलवायु परिवर्तन पर की बात: पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि आज पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के संरक्षण की बहुत चर्चा होती है.  उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत के ठोस प्रयासों के बारे में हम लगातार बात करते हैं. अब हमारे देश में रामसर साइट्स की कुल संख्या 75 हो गई है, जबकि 2014 से पहले देश में केवल 26 रामसर साइट्स थीं.


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ई-वेस्ट का पीएम मोदी ने किया जिक्र: पीएम मोदी ने मन की बात में ई-वेस्ट के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि ई-वेस्ट को ठीक से डिस्पोज नहीं किया गया तो यह हमारे लिए काफी हानिकारक है. इससे हमारे पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि लेकिन अगर इसका सावधानीपूर्वक उपयोग किया गया तो यह रिसाइकिल और रीयूज होकर अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ी ताकत बन सकता है.

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