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Atal tunnel : विरोधी कर लें जितनी भी स्वार्थ की राजनीति, ये देश रुकनेवाला नहीं : PM मोदी

PM Modi Live : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) आज हिमाचल प्रदेश के रोहतांग (Rohtang) में अटल सुरंग (Atal Surang) का उद्घाटन किया. सामरिक रूप से भारत के लिए यह सुरंग बेहद की महत्पूर्ण है. इस सुरंग के शुरु हो जाने से इस सुरंग के कारण मनाली (Manali) और लेह (leh) के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय भी चार से पांच घंटे कम हो जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि लाहौल स्पीति के सीसू में उद्घाटन समारोह के बाद मोदी सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं. अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है.

लाइव अपडेट

समाज और व्यवस्थाओं में सार्थक बदलाव के विरोधी कर लें जितनी भी स्वार्थ की राजनीति, ये देश रुकनेवाला नहीं : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक स्थिति ये थी कि देश में अनेक सेक्टर ऐसे थे, जिनमें बहनों को काम करने की मनाही थी. हाल में जो श्रम कानूनों में सुधार किया गया है, उनसे अब महिलाओं को भी वेतन से लेकर काम तक के वो सभी अधिकार दे दिये गये हैं, जो पुरुषों के पास पहले से हैं. समाज और व्यवस्थाओं में सार्थक बदलाव के विरोधी जितनी भी अपने स्वार्थ की राजनीति कर लें, ये देश रुकनेवाला नहीं है.

हमीरपुर में 66 मेगावॉट के धौलासिद्ध हाइड्रो प्रोजेक्ट को दे दी गयी है स्वीकृति : मोदी

पीएम ने कहा कि अटल टनल के साथ-साथ हिमाचल के लोगों के लिए एक और बड़ा फैसला लिया गया है. हमीरपुर में 66 मेगावॉट के धौलासिद्ध हाइड्रो प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी गयी है. इस प्रोजेक्ट से देश को बिजली तो मिलेगी ही, हिमाचल के अनेकों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के लगभग सवा 10 करोड़ किसान परिवारों के खाते में अब तक करीब एक लाख करोड़ रुपये जमा किये जा चुके हैं. इसमें हिमाचल के सवा नौ लाख किसान परिवारों के बैंक खाते में भी लगभग 1000 करोड़ रुपये जमा किये गये हैं.

अब योजनाएं इस आधार पर नहीं बनतीं कि कहां कितने वोट हैं : मोदी

कोई होम स्टे चलाएगा, कोई गेस्ट हाउस, कोई ढाबा, कोई दुकान करेगा, तो वहीं अनेक साथियों को गाइड के रूप में भी रोजगार उपलब्ध होगा. अब देश में नयी सोच के साथ काम हो रहा है. सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास हो रहा है. अब योजनाएं इस आधार पर नहीं बनतीं कि कहां कितने वोट हैं. अब प्रयास इस बात का है कि कोई भारतीय छूट ना जाये, पीछे ना रह जाये. इस बदलाव का एक बहुत बड़ा उदाहरण लाहौल-स्पीति है.

पूरा इलाका बनेगा पूर्वी एशिया समेत विश्व के अनेक देशों के बौद्ध अनुयायियों के लिए बड़ा सेंटर : मोदी

अटल टनल के बनने से लाहौल-स्पीति और पांगी के किसान हों, बागवानी से जुड़े लोग हों, पशुपालक हो, स्टूडेंट हों, नौकरीपेशा हों, व्यापारी-कारोबारी हों, सभी को लाभ होनेवाला है. अब लाहौल के किसानों की गोभी, आलू और मटर की फसल बर्बाद नहीं होगी, बल्कि तेजी से मार्केट पहुंचेगी. स्पीति घाटी में स्थित देश में बौद्ध शिक्षा के एक अहम केंद्र ताबो मठ तक दुनिया की पहुंच और सुगम होनेवाली है. यानी, एक प्रकार से ये पूरा इलाका पूर्वी एशिया समेत विश्व के अनेक देशों के बौद्ध अनुयायियों के लिए भी एक बड़ा सेंटर बननेवाला है. ये टनल इस पूरे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अनेक अवसरों से जोड़नेवाली है.

देश हित और देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं. लेकिन, देश ने लंबे समय तक वो दौर भी देखा है, जब देश के रक्षा हितों के साथ समझौता किया गया. देश में ही आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बने, मेक इन इंडिया हथियार बनें, इसके लिए बड़े रिफॉर्म्स किये गये हैं. लंबे इंतजार के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब हमारे सिस्टम का हिस्सा है. देश की सेनाओं की आवश्यकताओं के अनुसार तेज गति और उत्पादन दोनों में बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है.

2014 में सरकार बनने के बाद कोसी महासेतु के काम में लायी तेजी, अब हो चुका है लोकार्पण 

पीएम ने कहा कि बिहार में कोसी महासेतु का शिलान्यास भी अटल जी ने ही किया था. 2014 में सरकार में आने के बाद कोसी महासेतु का काम भी हमने तेज करवाया. कुछ दिन पहले ही कोसी महासेतु का भी लोकार्पण किया जा चुका है. बॉर्डर इंन्फ्रास्टक्चर के विकास के लिए पूरी ताकत लगा दी गयी है. सड़क बनाने का काम हो, पुल बनाने का काम हो, सुरंग बनाने का काम हो, इतने बड़े स्तर पर देश में पहले कभी काम नहीं हुआ. इसका बहुत बड़ा लाभ सामान्य जनों के साथ ही हमारे फौजी भाई-बहनों को भी हो रहा है. हमारी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं.

छह सालों में पूरा किया 26 वर्षों का काम : नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ छह साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया. अटल टनल की तरह ही अनेक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया. लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के रूप में सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण एयर स्ट्रिप 40-45 साल तक बंद रही. क्या मजबूरी थी, क्या दबाव था, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता. अटल जी के साथ ही एक और पुल का नाम जुड़ा है- कोसी महासेतु का.

...तो ऐसे में 2040 में पूरा होता अटल टनल का पूरा काम

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता, तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती. आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता, उनका सपना पूरा होता. जब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ना हो, जब देश के लोगों के विकास की प्रबल इच्छा हो, तो रफ्तार बढ़ानी ही पड़ती है. अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लायी गयी. नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़ कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गयी.

साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर हो पाया था काम

पीएम ने कहा कि हमेशा से यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की मांग उठती रही है. लेकिन, लंबे समय तक हमारे यहां बॉर्डर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट या तो प्लानिंग की स्टेज से बाहर ही नहीं निकल पाये या जो निकले वो अटक गये, लटक गये, भटक गये. साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था. अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया. हालात ये थी कि साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था.

आत्मनिर्भर भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक है अटल टनल : PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे भारत की वैश्विक भूमिका बदल रही है, हमें उसी तेजी से, उसी रफ्तार से अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को, अपने आर्थिक और सामरिक सामर्थ्य को भी बढ़ाना है. आत्मनिर्भर भारत का आत्मविश्वास आज जनमानस की सोच का हिस्सा बन चुका है. अटल टनल इसी आत्मविश्वास का प्रतीक है.

भारत के बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को नयी ताकत देनेवाली है अटल टनल : PM मोदी

अटल टनल भारत के बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को नयी ताकत देनेवाली है. यह विश्वस्तरीय बॉर्डर कनेक्टिविटी का जीता-जागता प्रमाण है. यह देश की सुरक्षा और समृद्धि, दोनों के लिए बहुत बड़ा संसाधन है. कनेक्टिविटी का देश के विकास से सीधा संबंध होता है. ज्यादा से ज्यादा कनेक्टिविटी यानी उतना ही तेज विकास. बॉर्डर एरिया में तो कनेक्टिविटी सीधे-सीधे देश की रक्षा जरूरतों से जुड़ी होती है. लेकिन, इसे लेकर जैसी गंभीरता और राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत थी, वैसी दिखाई नहीं गयी थी...

देश की रक्षा जरूरतोंका ध्यान रखने की जरूरत: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘देश की रक्षा जरूरतों, रक्षा करने वालों की जरूरतों का ध्यान रखना, उनके हितों का ध्यान रखना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि जो वह कहती है, करके दिखाती है. उन्होंने कहा, ‘‘देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नही. लेकिन देश ने लंबे समय तक वो दौर भी देखा है जब देश के रक्षा हितों के साथ समझौता किया गया.'' उन्होंने कहा कि देश में ही आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बने, मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत हथियार बनें, इसके लिए बड़े सुधार किए गए है. उन्होंने पिछले छह सालों में देश की सेनाओं की मजबूती के लिए उठाए गए कदमों का उदाहरण देते हुए कहा कि देश की सेनाओं की आवश्यकताओं के अनुसार साजों सामान जुटाए जा रहे और उत्पादन भी किया जा रहा है.

कोरोना से बचने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से कोरोना से बचने की अपील करते हुए कहा कि कोरोना से बचने लिए बताये गये उपायों जरूर अपनायें.

अब योजनाएं वोट की संख्या देखकर नहीं बनती है: पीएम मोदी

अटल टनल सरकार के उस संकल्प का हिस्सा है जिसके तहत सभी का विकास करना है. पहले इस क्षेत्र को छोड़ दिया गया क्योंकि राजनीतिक हितों की पूर्ति नहीं हो रही थी. अब योजनाएं वोट देखकर नहीं बनती है.

किसानों को मिलेगा लाभ: पीएम मोदी

किसानों, बागबानी, छात्र कारोबारी सभी को लाभ होगी. अब किसानों की फसल बर्बाद नहीं होगी बल्कि उन्हे अच्छा दाम मिलेगा.

यह भारत माता के मुकुट का अनमोल रत्न है टनल: : राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह उनकी भूमि है जिन्होंने देश की अखंडता एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी जान तक दे दी है. कला साहित्य और राजनीति की दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण हैं. इस टनल के बन जाने से क्षेत्र के विकास को गति मिलेगा. यहां की हस्तकला और दस्तकारी की पहचान पूरे भारत में है. सुरंग के बन जाने से सेना को भी बहुत फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह भारत माता के मुकुट का अनमोल रत्न है

सिसु वैली जा रहे हैं पीएम मोदी

अटल टनल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिसु वैली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने जा रहे हैं. यह लाहौल स्पीति घाटी में मौजूद यह एक छोटा सा कस्बा है.

नॉर्थ पोर्टल पर पहुंचे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन यात्रियों को हरी झंडी दिखायी जो पहली बार अटल टनल से यात्रा कर रहे हैं. 15 लोग पहली बार बस में यात्रा कर रहे हैं.

साउथ पोर्टल से नॉर्थ पोर्टल की तरफ जा रहे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त अटल सुरंग के अंदर यात्रा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री साउथ पोर्टल से नॉर्थ पोर्टल की तरफ जा रहे हैं.

टनल में केस स्टडी करें इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र: पीएम मोदी

तकनीकी यूनिनर्सिटी के बच्चों को केस स्टडी का काम दिया जाये और 10-10 बच्चे यहां आकर केस स्टडी करें ताकि देश के बच्चों को इंजीनियरिंग की जानकारी मिल सके.

अपने अनुभव साझा करें निर्माण कार्य से जुड़ें लोग: पीएम मोदी

जो लोग इस काम से जुड़े रहे हैं वो मजदूर से लेकर इंजीनियर तक इस बारे में अपनी भावनाओं को लिखे. कि इस दौरान काम करने में कार्य करने के लिए किस प्रकार की समस्याएं आयी. कम से कम 1500 लोग इसे लिखे.

देश की रक्षा सबस ज्यादा महत्वपूर्ण: पीएम मोदी

हमारे लिए देश की रक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है. लेकिन देश ने यह भी देखा है कि एक ऐसा समय जब देश के रक्षा हितों से समझौता किया गया था

बॉर्डर हितों का ख्याल रखना सरकार की प्राथमिकता है: पीएम मोदी

बोगीबिल आज नॉर्थ इस्ट और अरुणाचल प्रदेश के बीच संपर्क स्थापित करता है. पर अटल जी की सरकार जाने के बाद इसका भी निर्माण कार्य रुक गया था, 2014 के बाद इसमें तेजी आयी. अब स्थिति बदल रही है. बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए पूरी ताकत लगा दी गयी है. दर्जनों प्रोजेक्ट शुरु हो चुके हैं और कई काम चल रहा है. इन क्षेत्रों में देश में इतने बड़े पैमाने पर कभी काम नहीं हुआ.

कनेक्टिविटी का देश के विकास से ज्यादा संबंध: पीएम मोदी

लंबे समय तक बॉर्डर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट आये ही या फिर आये तो बने ही नहीं. साल 2002 में अटल जी ने इसके लिए कनेक्टिविटी रोड का निर्माण किया था. पर उनकी सरकार जाने के बाद काम बंद हो गया. जिस रफ्तार से काम हो रहा था उस हिसाब से यह काम 2040 में यह निर्माण कार्य पूरा होता. पर 2014 के इस काम में तेजी लायी गयी. बीआरओ की समस्याएं दूर की गयी. इसके बाद 1400 मीटर प्रतिवर्ष की रफ्तार से काम हुआ.

निर्माण से जुड़े लोगों को नमन: पीएम मोदी

लोकार्पण की चकाचौंध में लोग पीछे रह जाते हैं जो इसके पीछे मेहनत करते हैं. अभेध्य पीर पंजाल श्रृंख्ला पर अटल टनल बनाया गया है. इसले लिए इसके निर्माण से जुड़े लोगों को नमन करता हूं. इसके जरिये हिमाचल देश से हमेशा जुड़ा रहेगा. लेह लद्दाखे के युवाओं किसानों को बड़े बाजारों तक पहुंच आसान हो जायेगी.

सामाजिक और आर्थिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि इससे देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी. साथ ही हिमाचल प्रदेश का संपर्क पूरे भारत से अच्छे से हो पायेगा. सामिरक दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण है.

प्रर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आज इस ऐतिहासिक अवसर पर देश का सपना पूरा हुआ. देश के लिए हिमाचल का योगदान बहुत ज्यादा है. देश के लिए किसी भी योगदान मं हिमाचल पीछे नहीं है. इसके बन जाने के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. लाहौल स्पीति को लोगों की परेशानी दूर होगी. टनल के निर्माण से दुनिया भर में इंजीनियरिंग के बेहतरीन मिसाल पेश की.

प्रदर्शनी देख रहे हैं प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त अटल टनल को बनाये जाने वक्त तस्वीरे देख रहे हैं. तस्वीरों में दिखाया गया है कि किस प्रकार से अटल टनल के निर्माण में कितनी बाधाएं आयी है. बीआरओ के महानिदेशक इसे दिखा रहे हैं.

अटल टनल पहुंचे बिपिन रावत और एमएम नरवणे

हिमाचल प्रदेश: रोहतांग के अटल सुरंग में रक्षा विभाग के प्रमुख जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे पहुंच चुके हैं.

प्रतिदिन 3000 कार और 1500 ट्रक होंगे पार

अटल सुरंग की डिजाइन इस तरह बनायी गयी है कि प्रतिदिन तीन हजार कार और 1500 ट्रक यहां से पार हो सकते हैं. जिसमें वाहनों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी

मनाली पोर्ट से 25 किलोमीटर है दूर

अटल सुरंग का दक्षिणी पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर 3060 मीटर की ऊंचाई पर बना है जबकि उत्तरी पोर्टल 3071 मीटर की ऊंचाई पर लाहौल घाटी में तेलिंग, सीसू गांव के नजदीक स्थित है. घोड़े की नाल के आकार वाली दो लेन वाली सुरंग में आठ मीटर चौड़ी सड़क है और इसकी ऊंचाई 5.525 मीटर है.

सालों भर रहेगा लाहौल स्पीति घाटी और मनाली का संपर्क

9.02 किलोमीटर दुनिया की यह सबसे लंबी सुरंग के बन जाने से मनाली को सालों भर लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखा जा सकेगा. पहले बर्फबारी के कारण छह महीने तक घाटी शेष हिस्से से कटी रहती थी. सुरंग को हिमालय के पीर पंजाल की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच अत्याधुनिक विशिष्टताओं के साथ समुद्र तल से करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है.

मनाली पहुंचे पीएम मोदी

दुनिया के सबसे लंबे राजममार्ग सुरंग अटल सुरंग का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनाली पहुंच चुके हैं. 3000 मीटर की ऊंचाई पर बना यह दुनिया का सबसे लंबा राजमार्ग सुरंग है.

रोहतांग के लिए रवाना हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 10 बजे हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग का उद्घाटन करेंगे. हिमाचल जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच गये हैं.

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