Liquor Challan : जांच एजेंसी ईडी ने मध्य प्रदेश में हुए कथित फर्जी शराब चालान घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने 70 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की है. एजेंसी के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान राज्य के विभिन्न शहरों में स्थित जमीन और फ्लैटों को अटैच किया गया है. यह कार्रवाई उस घोटाले से जुड़ी है जिसमें शराब के फर्जी चालान बनाकर बड़े पैमाने पर पैसों की हेराफेरी किए जाने का आरोप है.
ऐसे किया जाता था हेरफेर
ईडी ने शुक्रवार को पीएमएलए के तहत इंदौर, मंदसौर और खरगोन में मौजूद 28 संपत्तियों को कुर्क करने का अंतरिम आदेश जारी किया. इन संपत्तियों की बाजार कीमत करीब 70 करोड़ रुपये बताई गई है. जांच में पता चला कि शराब ठेकेदारों ने एक धोखाधड़ी योजना चलाई, जिसमें वे ट्रेजरी चालान तो जमा करते थे, लेकिन चालान में “रुपये शब्दों में” वाला हिस्सा खाली छोड़ देते थे, ताकि बाद में रकम में हेरफेर की जा सके. इसने कहा कि राशि जमा करने के बाद उन्होंने धोखाधड़ी से अंकों और शब्दों में बढ़ा-चढ़ाकर राशि भर दी गई.
STORY | ED attaches Rs 70-cr worth assets in 'fake' liquor challan case of Madhya Pradesh
— Press Trust of India (@PTI_News) November 29, 2025
Land and flats, located in various cities of Madhya Pradesh, worth Rs 70 crore, have been attached under the anti-money laundering law as part of an alleged fake liquor challan scam that… pic.twitter.com/n2d8Qhlq9W
अवैध तरीके से NOC और शराब लाइसेंस हासिल किए गए
ईडी ने बताया कि बदले हुए इन चालान की प्रतियों का इस्तेमाल बाद में देशी शराब के गोदामों या जिला आबकारी कार्यालयों में ऐसे दिखाने के लिए किया गया कि आरोपियों ने आबकारी शुल्क, लाइसेंस शुल्क या न्यूनतम गारंटी का भुगतान कर दिया है. इन नकली दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने अवैध तरीके से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) और शराब लाइसेंस हासिल कर लिए, जिससे मध्यप्रदेश सरकार को धोखा दिया गया. इस मामले में ईडी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है और इंदौर के रावजी थाना में भी एक एफआईआर दर्ज की है.

