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नाक से दिए जाने वाली वैक्सीन के दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल को मिली मंजूरी, जानें इसके बारे में सबकुछ

Nasal Vaccine कोरोना से बचाव के लिए नाक से दी जानी वाली नेजल वैक्सीन के दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूदरी मिल गई है. बताया जा रहा है कि कोविड के खिलाफ मौजूदा वैक्सीनों की तुलना में यह ज्यादा कारगर व असरदार साबित होगा. बता दें कि दुनियाभर में छह नेजल वैक्सीन का पहले चरण में परीक्षण चल रहा है.

Nasal Vaccine Latest Updates कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नाक से दी जानी वाली नेजल वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूदरी मिल गई है. बताया जा रहा है कि कोविड के खिलाफ भारत में मौजूदा वैक्सीनों की तुलना में यह ज्यादा कारगर और असरदार साबित हो सकती है. बता दें कि दुनियाभर में छह नेजल वैक्सीन का पहले चरण में परीक्षण चल रहा है.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Science & Technology) ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया ​कि स्वदेशी वैक्सीन बनानी वाली भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के नाक से दिए जाने वाली नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) को नियामक से दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. इस वैक्सीन के निर्माण में बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट और इसकी पीएसयी बायोटेक्नोलॉजी उद्योग शोध सहायता परिषद ( BIRAC ) ने अपना सहयोग दिया है.

नेजल वैक्सीन की डोज नाक के जरिए दी जाएगी. भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का नाम कोरो फ्लू रखा है. इस वैक्सीन के ट्रायल जनवरी में शुरू किए गए थे. हाल ही में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ वायरोलॉजी के साथ बैठक में मीसा वैक्सीन ने दावा किया कि टीका लगने के बाद वायरस अटैक करता है तो दवा उसे वहीं निष्क्रिय कर देगी. दुनियाभर में इंजेक्शन से दी जाने वाली वैक्सीन के अलावा नाक से दी जाने वाली वैक्सीन के भी ट्रायल जारी हैं और इसके कई सकारात्मक नतीजे भी सामने आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि कोरोना से बचाव के लिए नाक से दी जानी वाली नेजल वैक्सीन मौजूदा टीकों की तुलना में ज्यादा कारगर और असरदार हो सकती है.

जानें नेजल वैक्सीन के बारे में…

– भारत बायोटेक के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी

– वैक्सीन नाक के दोनों छेदों में दो-दो बूंदें डाली जाएंगी.

– इस तरह अब वैक्सीन की डोज देने के लिए अरबों की सुईयों को जरूरत नहीं पड़ेगी

– डॉक्टरों का कहना है, इस वैक्सीन को देने के लिए किसी ट्रेनर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.

– आम लोग इसे लोग खुद से ले सकेंगे

– फिलहाल भारत में वैक्सीन के दो डोज को हर नागरिक तक पहुंचाने में काफी वक्त लग सकता है, ऐसे में ये वैक्सीन गेम चेंजर साबित हो सकती है.

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