Election Commission: हाल के दिनों में कई राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाया है. महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों की ओर से मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत की गयी. हाल में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मतदाता सूची में बाहरी लोगों का नाम जोड़े जाने की बात कही. हालांकि चुनाव आयोग साफ कर चुका है कि राजनीतिक कारणों से ऐसी शिकायत की जाती है. हालांकि आयोग ने ऐसी शिकायतों पर गौर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का फैसला लिया है.
मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त. सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ कई विषयों पर चर्चा की और स्थापित कानूनी ढांचे के अंदर देश में चुनाव प्रबंधन में सुधार का मार्ग अपनाने पर जोर दिया. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी मुख्य चुनाव अधिकारी, डीईओ, ईआरओ, बीएलओ सहित सभी अधिकारियों से पारदर्शी तरीके से काम करने और सभी संवैधानिक दायित्वों को पूरी लगन से पूरा करने को कहा. साथ ही जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार काम करने को कहा.
जिम्मेदारी के प्रति सजग रहें चुनाव अधिकारी
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव अधिकारियों को सभी राजनीतिक दलों की शिकायतों पर 31 मार्च तक कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. उन्होंने चुनाव अधिकारियों से नियमों के अनुसार काम करने और राजनीतिक दलों की शिकायतों के प्रति सजग और सतर्कता से काम करने का निर्देश दिया साथ ही संवैधानिक स्तरों पर सभी दलों से नियमित बैठक आयोजित करने और हर शिकायत का समाधान करने को कहा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत के सभी नागरिक जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं, संविधान के अनुच्छेद 325 और अनुच्छेद 326 के तहत मतदाता के रूप में पंजीकृत किया जाना चाहिए. सभी बीएलओ को मतदाताओं के साथ विनम्र व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित करने का काम होना चाहिए.
इस सम्मेलन में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र में 800-1200 मतदाताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास करें. ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान को आसान बनाने के लिए उचित न्यूनतम सुविधाओं वाले मतदान केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए. निर्वाचन आयोग ने संवैधानिक ढांचे और कानूनी प्रावधानों के व्यापक अध्ययन के बाद पूरी चुनाव प्रक्रिया में 28 अलग-अलग हितधारकों की पहचान की है, जिनमें सीईओ, डीईओ, ईआरओ, राजनीतिक दल, उम्मीदवार, मतदान एजेंट आदि शामिल हैं. सम्मेलन का उद्देश्य 28 हितधारकों में से प्रत्येक की क्षमता निर्माण को मजबूत करना है.