28.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

समलैंगिक विवाह : केंद्र ने SC से कहा, याचिकाओं में उठाए गए सवालों को संसद पर छोड़ दें

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि भले ही अदालत समलैंगिकों को शादी करने का अधिकार दे दे, लेकिन गोद लेने, उत्तराधिकार और विरासत समेत कई अधिकारों को देने से अदालत बचेगी, क्योंकि ये सभी धर्म आधारित कानूनों से जुड़े हुए हैं.

नई दिल्ली : समलैंगिक विवाह में मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह समलैंगिक विवाहों को कानूनी मंजूरी देने की मांग करने वाली याचिकाओं में उठाए गए सवालों को संसद के लिए छोड़ देने पर विचार करें. केंद्र की ओर से सर्वोच्च अदालत में पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ से कहा कि सुप्रीम कोर्ट एक बहुत ही जटिल मुद्दे से निपट रहा है, जिसका गहरा सामाजिक प्रभाव है.

उन्होंने जस्टिस एसके कौल, जस्टिस एसआर भट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ से कहा कि कई अन्य विधानों पर भी इसका अनपेक्षित प्रभाव पड़ेगा, जिस पर समाज में और विभिन्न राज्य विधानमंडलों में चर्चा करने की जरूरत होगी. विषय पर सुप्रीम कोई सुनवाई जारी है.

इससे पहले, समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई हुई थी. इस दौरान प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि भले ही अदालत समलैंगिकों को शादी करने का अधिकार दे दे, लेकिन गोद लेने, उत्तराधिकार और विरासत समेत कई अधिकारों को देने से अदालत बचेगी, क्योंकि ये सभी धर्म आधारित कानूनों से जुड़े हुए हैं.

Also Read: Same Gender Marriage: समलैंगिक विवाह मामले में केंद्र ने दायर किया नया हलफनामा, राज्यों को पक्ष बनाने का आग्रह

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद के कैनवास पर विधायी शक्तियां हैं, जो इन याचिकाओं और समवर्ती सूची की प्रविष्टि 5 में शामिल हैं, जो विशेष रूप से विवाह और तलाक को कवर करती हैं, लेकिन सवाल यह है कि कौन से हस्तक्षेप बाकी हैं, जिनमें यह अदालत हस्तक्षेप कर सकती है. पीठ ने कहा कि पुट्टास्वामी या विशाखा मामले में निजता के संदर्भ में भी अदालत द्वारा निर्धारित ढांचे को विधायिका द्वारा तैयार किया जाना है.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें