Caste Census: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए.”
#WATCH | Delhi | "Cabinet Committee on Political Affairs has decided today that Caste enumeration should be included in the forthcoming census," says Union Minister Ashiwini Vaishnaw on Union Cabinet decisions. pic.twitter.com/0FtK0lg9q7
— ANI (@ANI) April 30, 2025
कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया : अश्विनी वैष्णव
कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अश्विनी वैष्णव ने जाति जनगणना का जिक्र किया और कांग्रेस पर हमला बोला. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है. 2010 में दिवंगत डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए. इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है. इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया. यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं. जबकि कुछ राज्यों ने यह अच्छा किया है, कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं. ऐसे सर्वेक्षणों ने समाज में संदेह पैदा किया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षण के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए.”
राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से जाति जनगणना का उठाते रहे हैं मुद्दा
लोकसभा चुनाव के समय राहुल गांधी ने जाति जनगणना को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जमकर घेरा था. उन्होंने जाति को लेकर केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. लेकिन मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला लेकर उनसे मुद्दा ही छीन लिया.