26 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Arth Culture Fest 2023: कवि अशोक वाजपेयी ने कहा- सेंसरशिप अस्वीकार्य, सांस्कृतिक महोत्सव में नहीं लूंगा हिस्सा

कवि अशोक वाजपेयी ने कहा कि वह उस सांस्कृतिक महोत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे जिसमें पहले वह लेने वाले थे, क्योंकि आयोजकों ने उनसे सरकार की आलोचना वाली कविताएं नहीं पढ़ने को कहा है.

Arth Culture Fest 2023: कवि अशोक वाजपेयी ने शुक्रवार को कहा कि वह उस सांस्कृतिक महोत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे जिसमें पहले वह लेने वाले थे, क्योंकि आयोजकों ने उनसे सरकार की आलोचना वाली कविताएं नहीं पढ़ने को कहा है. हालांकि, आयोजकों ने कहा कि किसी ने भी उन्हें अपने विचारों को सीमित करने के लिए नहीं कहा है.

अशोक वाजपेयी ने फेसबुक पर लिखा…

अशोक वाजपेयी शुक्रवार को सुंदर नर्सरी में जी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अर्थ कल्चर फेस्ट में अनामिका, बद्री नारायण, दिनेश कुशवाहा और मानव कौल सहित अन्य कवियों के साथ एक कविता सत्र में भाग लेने वाले थे. रेख्ता फाउंडेशन कविता सत्र में आयोजकों के साथ सहयोग कर रहा है. कवि अशोक वाजपेयी ने फेसबुक पर लिखा, मैं अर्थ और रेख्ता द्वारा अयोजित कल्चर फेस्ट में भाग नहीं ले रहा हूं, क्योंकि मुझसे कहा गया कि मैं ऐसी ही कविताएं पढूं जिनमें राजनीति या सरकार की सीधी आलोचना न हो. इस तरह की रोक अस्वीकार्य है.

मैं सेंसरशिप के पक्ष में नहीं हूं: वाजपेयी

82 वर्षीय कवि अशोक वाजपेयी ने बाद में न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्होंने सात कोरस पढ़ने की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा कि रेख्ता से एक व्यक्ति ने मुझसे संपर्क किया और पूछा कि क्या मैं राजनीतिक संकेतार्थ वाली कोई कविता पढ़ूंगा. मैंने उनसे कहा कि कविता गैर-राजनीतिक कैसे हो सकती है, इसलिए उन्होंने मुझे इससे दूर रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि मैं इस तरह की सेंसरशिप के पक्ष में नहीं हूं, इसलिए मैं इसमें शामिल नहीं हो रहा हूं. 2008-2011 तक ललित कला अकादमी के अध्यक्ष रहे अशोक वाजपेयी उन जानी मानी हस्तियों में शामिल रहे हैं जिन्होंने जीवन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर हमले के विरोध में 2015 में अपने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिए थे.

अर्थ उत्सव के प्रवक्ता ने कही ये बात

इस बीच, अर्थ उत्सव के एक प्रवक्ता ने कहा कि अशोक वाजपेयी का अपने विचार साझा करने के लिए स्वागत है और यह कार्यक्रम उन वक्ताओं की मेजबानी कर रहा है, जो सत्ता के खिलाफ सक्रिय रूप से बोलते रहे हैं. उन्होंने कहा कि न तो महोत्सव के निदेशकों और न ही आयोजकों ने उन्हें किसी भी विचार को सीमित करने के लिए कहा है. हम विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारों की सराहना करते हैं और समाज के सभी वर्गों के वक्ताओं का स्वागत करते हैं. इस साल के संस्करण में कुछ बेहतरीन वक्ताओं की मेजबानी कर रहे हैं, जिनमें वे भी शामिल हैं जो सत्ता के खिलाफ सक्रिय रूप से बोलते रहे हैं. उन्होंने कहा कि महोत्सव वक्ताओं के लिए एक तटस्थ मंच प्रदान करता है और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने में कोई भूमिका नहीं निभाता. प्रवक्ता ने कहा, हम उत्सव में श्री वाजपेयी जी की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं.

रेख्ता फाउंडेशन ने वाजपेयी के दावे का किया खंडन

रेख्ता फाउंडेशन के एक प्रवक्ता ने भी वाजपेयी के दावे का खंडन किया और कहा कि न तो रेख्ता और न ही जी के आयोजकों ने सत्र में किसी भी कवि से ऐसी मांग की है. रेख्ता फाउंडेशन के संचार प्रमुख सतीश गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, हमने सभी से पूछा कि वे सत्र में क्या सुनाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन वह सिर्फ इसलिए था ताकि हम इसे कार्यक्रम में उनके परिचय में जोड़ सकें. हमने या जी ने उन्हें कभी यह नहीं कहा कि वे राजनीतिक कवितायें नहीं पढ़ सकते. अगर यह सच होता, तो हमने सबसे यही कहा होता. गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि रेख्ता फाउंडेशन केवल कविता सत्र का आयोजन कर रहा है न कि पूरे सांस्कृतिक उत्सव का, जो शुक्रवार से शुरू हो रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें