Agriculture: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) का देश के कृषि विकास में अहम योगदान रहा है. हरित क्रांति का संस्थान ने शोध, शिक्षा और अन्य कामों से कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि को अंजाम दिया है. देश में हरित क्रांति को सफल बनाने में इसका अहम योगदान रहा है. शनिवार को आईएआरआई के 63 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्नातक और डॉक्टरेट डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को बधाई दी और वैज्ञानिकों के शोध एवं नवाचार की सराहना की.
कृषि मंत्री ने कहा कि भारत की कृषि विकास दर 5 फीसदी है और यह दुनिया में सबसे अधिक है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और किसानों की मेहनत से देश का अन्न भंडार समृद्ध हुआ है. छात्रों को भारतीय कृषि की चुनौतियों के समाधान में आगे आना चाहिए. शोध और नवाचार, कृषि स्टार्टअप और प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत को कृषि क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए अनुसंधान को और सशक्त बनाना होगा. इस मौके पर गेहूं, मक्का, चना, मूंग और आम सहित विभिन्न फसलों की नयी किस्मों के साथ ही तीन प्रमुख प्रकाशन को लांच किया.
कौशल विकास के लिए शिक्षा जरूरी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि शिक्षा के लिए कौशल विकास जरूरी है. छात्रों को नवाचार, कृषि उद्यमिता, और स्टार्टअप की दिशा में आगे बढ़ने का काम करना चाहिए. देश में लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या काफी है. ऐसे किसानों की आय बढ़ाने के लिए नवाचार आवश्यक है. सतत कृषि, जलवायु-लचीली खेती और जैविक तथा प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने की जरूरत है. आईएआरआई द्वारा विकसित तकनीकों को लैब से खेतों तक तेजी से पहुंचाना जरूरी है ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके. कृषि यंत्रों, स्मार्ट फार्मिंग और उन्नत डिजिटल तकनीक अपनाना समय की मांग है.
दीक्षांत समारोह में कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी ने 5 एमएससी और 5 पीएचडी छात्रों को आईएआरआई मेरिट मेडल से सम्मानित किया. समारोह में कुल 399 छात्रों को स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गयी. जिसमें कई विदेशी छात्र भी शामिल थे. इस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.