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नियम के खिलाफ सिगरेट कंपनियों का उत्पादन बंद

नयी दिल्ली : देश की प्रमुख सिगरेट कंपनियों आईटीसी, गोडफ्रे फिलिप्स और वीएसटी ने सिगरेट पैक पर स्वास्थ्य संबंधी चित्रात्मक चेतानी के नए नियम के खिलाफ आज एक अप्रत्याशित फैसले में अपने कारखानों में उत्पादन तुरंत प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है. कंपनियों ने कहा है कि सिगरेट पैकेट के 85 प्रतिशत हिस्से […]

नयी दिल्ली : देश की प्रमुख सिगरेट कंपनियों आईटीसी, गोडफ्रे फिलिप्स और वीएसटी ने सिगरेट पैक पर स्वास्थ्य संबंधी चित्रात्मक चेतानी के नए नियम के खिलाफ आज एक अप्रत्याशित फैसले में अपने कारखानों में उत्पादन तुरंत प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है. कंपनियों ने कहा है कि सिगरेट पैकेट के 85 प्रतिशत हिस्से पर चित्रात्मक चेतावनी प्रकाशित करने संबंधी नियम संशयपूर्ण हैं. टोबाको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की सदस्य ये कंपनियां देश में सिगरेट पर शुल्क में 98 प्रतिशत योगदान करती है.

इनका दावा है कि उनके कारोबार बंद करने से दैनिक 350 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान होगा. टोबाको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (टीआईआई) ने एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘तंबाकू उत्पाद के पैकिटों पर ग्राफिक स्वास्थ्य चेतावनी के नीतिगत संशोधन मामले में संशय की स्थिति के चलते सदस्य एक अप्रैल 2016 से आगे सिगरेट विनिर्माण जारी रखने में असमर्थ हैं.”

टीआईआई के निदेशक सैयद महमूद अहमद ने भारतीय तंबाकू उद्योग ने 15 मार्च को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था. उत्पादन जारी रहने की स्थिति में नियमों के संभावित उल्लंघन के डर से टीआईआई सदस्यों ने अपने कारखाने बंद करने का फैसला किया है. टीआईआई ने कहा है, ‘‘इससे भारतीय तंबाकू उद्योग के उत्पादन कारोबार में दैनिक 350 करोड रपये के नुकसान का अनुमान है.”
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे पहले 28 मार्च को राजस्थान उच्च न्यायालय में वादा किया था कि वह बडे चित्र वाली चेतावनी प्रकाशित करने के नियम को एक अप्रैल 2016 से लागू करेगी. केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक संसदीय समिति की सिफारिश को नजरंदाज करते हुये बडे चित्र वाली चेतावनी के साथ आगे बढने का फैसला किया। हालांकि, संसदीय समिति ने सरकार के बडे चित्र के साथ चेतावनी प्रकाशित करने के फैसले को ‘‘काफी कडा” फैसला बताया और चित्र के आकार में कमी लाने का सुझाव दिया. इससे संबंधित विधेयक पर संसदीय समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि चित्रात्मक चेतावनी पैकेट के 50 प्रतिशत हिस्से पर प्रकाशित किया जा सकता है.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘एक बेहतर उपाय के तौर पर समिति का मानना है कि सिगरेट पैकेट पर चेतावनी को 85 प्रतिशत हिस्से के बजाय उसके दोनों तरफ उपलब्ध 50 प्रतिशत हिस्से पर प्रकाशित किया जा सकता है. क्योंकि यह काफी कडा कदम होगा और इससे बाजार में अवैध सिगरेट की बाढ आ सकती है.” स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय से यह भी कहा है कि उसका विधायी प्राधिकरण अधीनस्थ विधेयक के बारे में संसदीय समिति की सिफारिशों और टिप्पणियों की जांच परख कर रहा है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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