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केजरीवाल ने कहा, अरुण जेटली को बचाने के लिए सीबीआई छापेमारी

नयी दिल्ली : सियासी बवंडर को हवा देते हुए आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने प्रधान सचिव के खिलाफ सीबीआई के छापे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तल्ख टिप्पणी की और उन्हें ‘कायर एवं मनोरोगी’ करार दिया तथा डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी निशाना साधा. […]

नयी दिल्ली : सियासी बवंडर को हवा देते हुए आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने प्रधान सचिव के खिलाफ सीबीआई के छापे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तल्ख टिप्पणी की और उन्हें ‘कायर एवं मनोरोगी’ करार दिया तथा डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी निशाना साधा. आरोप-प्रत्यारोप के बीच केजरीवाल ने दावा किया कि उनके कार्यालय पर छापेमारी की गई, जबकि सीबीआई तथा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में इस बात से इंकार किया. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि निशाना वह थे और उनके प्रधान सचिव तो सिर्फ बहाना थे. मोदी के खिलाफ तल्ख टिप्पणियों के बाद भाजपा नेताओं और मंत्रियों की पूरी फौज ने केजरीवाल पर प्रहार करना शुरु किया तथा उनसे माफी की मांग की.

केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे कार्यालय पर छापेमारी से मैं हैरान हूं.” सीबीआई की टीम जब दिल्ली सचिवालय की तीसरी मंजिल पर पहुंची तो केजरीवाल ने ट्वीट किया कि उनके कार्यालय पर छापा मारा गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘‘मैं आपको बता रहा हूं मोदी जी, आपने दूसरों को सीबीआई से डरा दिया होगा लेकन मैं डरने वाला नहीं हूं. मैं अपनी अंतिम सांस तक लडूंगा.” केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, ‘‘जब मोदी राजनीतिक रुप से मुझसे नहीं निपट सके तो उन्होंने यह कायरता दिखाई.

मोदी कायर और मनोरोगी हैं.” केजरीवाल ने इसे ‘अघोषित आपातकाल’ करार दिया और एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘सीबीआई झूठ बोल रही है. मेरे कार्यालय पर छापा मारा गया. मुख्यमंत्री कार्यालय की फाइलों को देखा जा रहा है. मोदी बताएं कौन सी फाइल चाहते हैं?” सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि छापेमारी मुख्यमंत्री के कार्यालय पर नहीं, बल्कि उनके प्रधान सचिव के कार्यालय पर की गई.

केजरीवाल ने आज आरोप लगाया कि जांच एजेंसी आज दिनभर की कार्यवाही के दौरान दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन की वह फाइल ढूंढती रही, जिससे केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ‘फंसते’ हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘यह बताना जरुरी हो गया है कि सीबीआई आज दरअसल मेरे कार्यालय में क्यों आई और कौन सी फाइल ढूंढ रही थी. वह डीडीसीए की फाइल है, जिसके अंदर अरुण जेटली फंस रहे हैं.” केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने डीडीसीए में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए समिति बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जेटली कई साल से डीडीसीए के अध्यक्ष थे और मैंने उनके कार्यकाल में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी थी और इसपर एक जांच आयोग गठित किया जाने वाला था, और इससे जुडी एक फाइल मेरे कार्यालय में थी.

जेटली ने मुख्यमंत्री के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह ‘पूरी तरह बकवास’ है. संसद के बाहर जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो उन्होंने (केजरीवाल) सुबह कहा वह गलत दिखाई पडता है. वह जो अब (शाम) कह रहे हैं वह पूरी तरह बकवास है.” छापेमारी की खबर आने साथ ही संसद के भीतर विपक्ष ने हंगामा शुरु कर दिया और सीबीआई को केंद्र के हाथों का औजार करार दिया.

सीबीआई ने कुमार के दिल्ली सचिवालय स्थित कार्यालय और आवास सहित दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के 14 स्थानों पर छापे मारे. एजेंसी के सूत्रों ने दावा किया कि उसने कुमार के आवास से 2.4 लाख रपाए समेत कुल 16 लाख रपए बरामद किए है. कुमार के आवास से तीन लाख रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई.सीबीआई ने कहा कि उसने कुमार और अन्य के खिलाफ इस आरोप को लेकर मामला दर्ज किया है कि उन्होंने ‘दिल्ली सरकार के विभागों की निविदाएं दिलाने के लिए एक खास कंपनी की पैरवी करने के लिए’ अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), भ्रष्टाचार विरोधी कानून की धारा 13 (2)और 13 (1) (डी) (आपराधिक कदाचार) के तहत आरोपी बनाया गया है.

एजेंसी ने कहा, ‘‘वारंट लेने के बाद राजेंद्र कुमार के कार्यालय और आवास पर छापे मारे गए. कुमार के खिलाफ दिल्ली संवाद आयोेग के पूर्व सदस्य सचिव आशीष जोशी ने आरोप लगाए थे.” केजरीवाल ने कहा, ‘‘सीबीआई झूठ बोल रही है. मेरे खुद के कार्यालय पर छापेमारी की गई. मुख्यमंत्री कार्यालय की फाइलों को देखा जा रहा है. मोदी बताएं कि वह कौन सी फाइल चाहते हैं? मैं एकमात्र मुख्यमंत्री हूं जिसने अपने एक मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी को भ्रष्टाचार के आरोपों में हटा दिया और उनके मामले सीबीआई को सौंप दिए .” उन्होंने कहा, ‘‘अगर सीबीआई के पास राजेंद्र के खिलाफ कोई सबूत है तो उन्होंने मेरे साथ साझा क्यों नहीं किया? मैं उनके खिलाफ कार्रवाई करता.” केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मोदी को ‘‘कायर और मनोरोगी” बताने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री से माफी मांगने को कहा और उनके इस दावे को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने उनके कार्यालय पर छापेमारी की. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने उसे ‘‘छुआ” तक नहीं.

प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे अधिकारी की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाए और पूछा कि उन्होंने इसकी जांच परख क्यों नहीं की? प्रसाद ने कहा कि केजरीवाल के प्रधान सचिव और आईएएस अधिकारी राजेन्द्र कुमार पर दिल्ली सरकार की निविदा हासिल करने में एक निजी कंपनी का सहयोग करने के आरोप हैं और अदालत से वारंट मिलने के बाद सीबीआई ने उनके कार्यालय और घर पर छापेमारी की. उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के सीधे मामले को विषयेतर कारणों से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है… हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल पूरी तरह अवांछित, अपमानजनक और निंदनीय है.”

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा कि सदस्यों को गुमराह नहीं करना चाहिए क्योंकि सीबीआई के छापे का केजरीवाल या उनके कार्यकाल से कोई लेनादेना नहीं है. जेटली के बयान को लेकर केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘संसद में वित्त मंत्री ने झूठ बोला है. मेरे खिलाफ कुछ साक्ष्य एकत्र करने के लिए मेरे कार्यालय की फाइलों को देखा जा रहा है. राजेंद्र तो एक बहाना है.” उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मोदी सरकार को चुनौती दी कि वह आप सरकार के खिलाफ कुछ भी बाहर निकालकर लाए. आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने दिल्ली में अघोषित आपातकाल लगा दिया है. कभी भी किसी मुख्यमंत्री के कार्यालय पर छापेमारी नहीं की गई. यह भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है.”

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