हैदराबाद : इन्फोसिस के पूर्व निदेशक टी वी मोहनदास पई ने आज कहा कि केंद्र की कालाधन पता लगाने की रणनीति मजाक है क्योंकि सरकार के पास अपराधियों को पकडने और उन्हें तुरंत जेल में डालने की कोई नीति, कानून या खुफिया ताकत नहीं है.
इसे नरेंद्र मोदी सरकार की बडी असफलता करार देते हुए बैंगलूर स्थित सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी ने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बेहतर जांच और अभियोजन प्रणाली की जरुरत है क्योंकि मौजूदा कानून बेकार है.
मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेज के मौजूदा अध्यक्ष, पई ने कहा ‘‘पूरी कालाधन की रणनीति मजाक है. काला धन का पता लगाने की रणनीति गलत तरीके से तैयार हुई है और यह बेकार है. कोई भी इस देश में रहने के लिए 60 प्रतिशत कर नहीं देगा. दूसरी बात, आपकी काला धन पहल बेहतर नीति और बेहतर सूचना पर आधारित होनी चाहिए.” उन्होंने कहा ‘‘सरकार के पास अब तक बेहतरीन आसूचना प्रणाली नहीं है. उसके पास बेहतर अभियोजन क्षमता नहीं है और जब तक बेहतर सूचना प्रणाली न हो, बेहतर तरीके से अभियोजन न हो,
फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित न हों कुछ नहीं होगा।” प्रत्यक्ष कर सुधार पर केलकर समिति के सदस्य रहे पई ने कहा ‘‘कालाधन आपके लिए किसी विदेशी बैंक में आपका इंतजार नहीं कर रहा कि आप जाएं, सूचना प्राप्त करें और इस पर अमल करें. परिष्कृत ढांचे हैं, सरकार को यह पता लगाना चाहिए कि ये ढांचे क्या हैं, कौन कर रहा है और कैसे किया जा रहा है.”