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सरकार ने भारतीय संस्थानों की रैंकिग को लेकर रूपरेखा पेश की

नयी दिल्ली: सरकार ने आज देश के इंजीनियरिंग और प्रबंधन संस्थानों की वरीयता तय करने के लिए एक रूपरेखा पेश की.इस रूपरेखा में व्यापक तौर पर सरकार के और निजी क्षेत्र के सभी संस्थान आएंगे. वरीयता की स्पर्धा में स्वेच्छा से भाग लिया जा सकेगा और पहली वरीयता सूची अगले साल अप्रैल की शुरुआत में […]

नयी दिल्ली: सरकार ने आज देश के इंजीनियरिंग और प्रबंधन संस्थानों की वरीयता तय करने के लिए एक रूपरेखा पेश की.इस रूपरेखा में व्यापक तौर पर सरकार के और निजी क्षेत्र के सभी संस्थान आएंगे. वरीयता की स्पर्धा में स्वेच्छा से भाग लिया जा सकेगा और पहली वरीयता सूची अगले साल अप्रैल की शुरुआत में आएगी.फार्मेसी, आर्किटेक्चर और विश्वविद्यालयों के लिए रूपरेखा अगले महीने जारी की जाएगी.

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘‘यह एक क्रांतिकारी कदम है. अगले शैक्षणिक सत्र से पहले हम हमारे छात्रों को राष्ट्रीय रूपरेखा के आधार पर बहुत सारे विकल्प देंगे। यह रूपरेखा सिर्फ संस्थानों, नियमों को नहीं बल्कि बडे पैमाने पर नागरिकों को भी अपने साथ जोडेगी.’ स्मृति ने भारत केंद्रित वरीयता रूपरेखा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया.
संस्थानों की वरीयता ए और बी श्रेणियों में तय की जाएगी. ए श्रेणी संस्थानों को पढाई और शोध में अतिरिक्त लाभ मिलेगा. इस वरीयता सूची के लिए मानकों में आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित तबकों के आरक्षण का पालन करना भी शामिल रहेगा. इसके लिए संस्थानों को 20 अंक तक मिलेंगे.
निजी संस्थानों को इससे नुकसान होगा क्योंकि उन पर आरक्षण का मानक सख्ती के साथ बाध्यकारी नहीं होता है.

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