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स्वच्छ भारत अभियान की सफलता के लिए इसे जन आंदोलन बनाना जरुरी: सरकार

नयी दिल्ली: सरकार ने स्वच्छता अभियान में जनता की हिस्सेदारी की जरुरत बताते हुए आज कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए इसे एक जन आंदोलन बनाना होगा. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने सीआईआई की ओर से यहां आयोजित एक स्वच्छता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

नयी दिल्ली: सरकार ने स्वच्छता अभियान में जनता की हिस्सेदारी की जरुरत बताते हुए आज कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए इसे एक जन आंदोलन बनाना होगा.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने सीआईआई की ओर से यहां आयोजित एक स्वच्छता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान को आगे लेकर आये हैं. हम किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं लेकिन हमने इसे एक चुनौती के रुप में लिया है.” हाल में स्वच्छ उपकर लगाने के प्रस्ताव पर नायडू ने कहा कि सरकार प्रस्ताव की जांच पडताल करेगी और उसके बाद निर्णय करेगी.मार्च 2016 तक 25 लाख घरेलू शौचालय निर्माण के लक्ष्य की तुलना में चार लाख शौचालयों का निर्माण हो चुका है और 12 लाख शौचालयों का निर्माण प्रगति में है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे एक जन आंदोलन के तौर पर लेना चाहते हैं और यह जन आंदोलन का स्वरुप ले रहा है.” नायडू ने वर्तमान स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा कि बिना शौचालय वाले मकान हैं, बिना शौचालय वाले स्कूल हैं और बालिकाओं वाले स्कूलों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है.उन्होंने कहा, ‘‘जब तक इस कार्यक्रम में जनता की भागीदारी नहीं होगी, सार्वजनिक क्षेत्र या निजी क्षेत्र अकेले इस समस्या का समाधान नहीं कर सकते.” उन्होंने कहा, ‘‘मानसिकता में बदलाव की जरुरत है. हमें लोगों की भागीदारी से इसे एक जन आंदोलन बनाना होगा.”
एक अनुमान के मुताबिक स्वच्छ भारत अभियान को लागू करने के लिए 2019 तक पूंजीगत व्यय की जरुरत है और उसके बाद 10 वर्षों तक संचालन और देखरेख का खर्चा 8.93 लाख करोड रुपये है. नीति आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में एक उप समिति का गठन किया है. उप समिति ने शौचालय और स्वच्छता सहित सफाई अभियान जारी रखने के लिए स्वच्छ भारत उपकर लगाने की सिफारिश की है.
नायडू ने कहा, ‘‘यह एक सुझाव ही है. अब सरकार इसकी जांच पडताल करेगी और उसके बाद निर्णय करेगी. प्रस्ताव नीति आयोग के पास आएगा और उसके बाद कैबिनेट कोई निर्णय करेगी.” उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान एक मिशन मोड में चलाना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘जनता सहित सभी संबंधितोें की एक भागीदारी होनी चाहिए. इसके साथ ही उन सभी को प्रोत्साहित किये जाने की जरुरत है जो स्वच्छता के मोर्चे पर अच्छा काम कर रहे हैं. जो चीज पिछले कई वर्षों में नहीं की जा सकी उसकी एक या दो वर्षों में उम्मीद नहीं की जा सकती.”

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