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ओबामा ने गणतंत्र दिवस परेड में देखा भारत को रूस से मिले मिग – 29 व अन्य विमान

नयी दिल्ली : पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के राष्ट्रीय समारोह में शिरकत की. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के गरिमामय 66 वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए. उनके साथ उनकी पत्नी मिशेल ओबामा भी थे. दो घंटे से अधिक समय तक चले इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के उन […]

नयी दिल्ली : पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के राष्ट्रीय समारोह में शिरकत की. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के गरिमामय 66 वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए. उनके साथ उनकी पत्नी मिशेल ओबामा भी थे. दो घंटे से अधिक समय तक चले इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के उन अत्याधुनिक विमानों व रक्षा उपकरणों को देखा, जिसे भारत ने या तो रूस से प्राप्त किया है या फिर उसकी मदद से उसे विकसित किया है.
गणतंत्र दिवस परेड में रूस से प्राप्त मिग – 29 विमानों का प्रमुखता से प्रदर्शन किया गया. दिलचस्प बात यह कि रूस ने मिग – 29 विमानों का विकास भी शीतयुद्ध के उन दिनों में किया जब उसकी अमेरिका से कड़ी प्रतिद्वंद्विता थी. अमेरिका ने अपनी सेना को अत्याधुनिक हथियारों, विमानों और उपकरणों से समृद्ध करने के लिए 1960 के दशक के बाद में एफ -एक्स नामक प्रोग्राम चलाया. अमेरिका ने एमसी डोनल डगलस एफ – 15 इगल नामक विमान तैयार करने का आदेश 1969 में दिया. इस विमान ने 1972 में पहली बार उड़ान भरी और 1976 में अमेरिका के जंगी बेड़े में शामिल किया. इस विमान के जवाब में रूस से मिग – 29 का विकास किया. रूस ने इसका विकास 1977 तक कर लिया और इसे रूस के जंगी बेड़े में 1983 में शामिल कर लिया गया. इसी तरह ब्रrाोस मिसाइल का भी झांकी में प्रदर्शन किया गया. इसका विकास भारतीय रक्षा अनुसंधान एजेंसी डीआरडीओ ने रूस की मदद से किया है.
इसी तरह भारतीय वायुसेना ने एमआइ – 31 विमान का प्रदर्शन किया. इसका विकास भी भारत ने रूस के सहयोग से किया.
अमेरिका और रूस से प्रतिद्वंद्विता सर्वज्ञात है. हाल में यूक्रेन संकट ने दोनों देशों के बीच रिश्तों की खटास को और बढ़ा दिया. रविवार को जब भारत-अमेरिका शिखर वार्ता के बाद बराक ओबामा-नरेंद्र मोदी साझा प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे, तब एक पत्रकार के सवाल के जवाब में ओबामा ने रूस से जमकर खरी-खोटी सुनायी और कुछ क्षण के लिए ही सही इस द्विपक्षीय वार्ता पर वैश्विक संदर्भ हावी होता दिखा. ओबामा ने यूक्रेन में आतंकवाद और उसके संकट के लिए रूस के रवैये को दोषी करार दिया. इससे ठीक एक दिन पहले दावोस में विश्व व्यापार मंच की बैठक में रूस ने यह कह दिया कि वह आधा पेट खा लेगा, लेकिन दूसरों के दबाव में झुकेगा नहीं. पिछले साल आस्ट्रेलिया में रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन मुद्दे पर विश्व बिरादरी की आलोचनाओं से नाराज हो कर बीच में ही जी – 20 की बैठक को छोड़ कर चले गये थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा प्रोटोकॉल से हट कर खुली जगह में दो घंटे से अधिक समय तक रहे. आमतौर पर ऐसे समारोह में उनके लिये तय प्रोटोकॉल के मुताबिक वे 15 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहते हैं. पर, भारत के साथ अपने गहरे होते रिश्तों को दिखाने के लिए उन्होंने प्रोटोकॉल को तोड़ा भी और अपने चीर प्रतिद्वंद्वी से भारत को प्राप्त हथियारों की प्रदर्शनी देखा भी.

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