-KarnatakaTrustVote : राज्यपाल ने स्पीकर से कहा, विश्वासमत प्रस्ताव सदन में विचाराधीन है, आज ही इसपर फैसला हो
Karnataka Governor to Assembly Speaker: Motion of confidence is in consideration at the house. Chief Minister is expected to maintain confidence of the house at all times. Consider trust vote by the end of the day. #KarnatakaTrustVote pic.twitter.com/MWeK3QmllH
— ANI (@ANI) July 18, 2019
-भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने कहा, सीएम ने आज विश्वासमत परीक्षण की तारीख तय की थी, लेकिन जैसे ही प्रस्ताव आगे बढ़ा, बहस शुरू हो गयी. सिद्धारमैया, कृष्णा गौड़ा और एचके पाटिल ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर को आगे बढ़ाया. हमने राज्यपाल से निवेदन किया है कि स्पीकर को विश्वासमत पर बहस जारी रखने को कहें.
-कर्नाटकः विधानसभा की कार्रवाई 30 मिनट के लिए स्थगित
-कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने विश्वासमत बहस के दौरान कहा कि मैं अगर बिना तारीख के लेटरहेड पर फैसला करूं, तो मैं किस तरह का स्पीकर कहलाऊंगा.
-विश्वासमत के दौरान सदन नहीं पहुंचे कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल, छाती में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भरती, कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने सदन में कहा श्रीमंत पाटिल स्वस्थ हैं, यह भाजपा का षडयंत्र है.
बेंगलुरु : पिछले करीब दो हफ्ते से कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री एच डी कुमारास्वामी ने गुरुवार को विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन के 16 विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच 19 विधायकों के सदन से अनुपस्थित रहने की खबर है.
इस बीच, कुमारास्वामी ने एक वाक्य का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सदन उनके नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी सरकार में विश्वास व्यक्त करता है. विश्वास मत का प्रस्ताव पेश करते हुए कुमारास्वामी ने कहा कि बागी विधायकों ने गठबंधन सरकार को लेकर पूरे देश में संदेह पैदा कर दिया और हमें सच्चाई बतानी है. उन्होंने कहा, पूरा देश कर्नाटक के घटनाक्रम को देख रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, उनके (बागी विधायकों के) इस्तीफे तो एक वाक्य में थे कि उनका इस्तीफा वाजिब और स्वेच्छा से दिया हुआ है, जबकि उच्चतम न्यायालय में उन्होंने कहा कि राज्य भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है. जैसे ही सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया गया विपक्षी भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने खड़े होकर कहा कि विश्वास मत की प्रक्रिया एक ही दिन में पूरी की जानी चाहिए. कुमारास्वामी ने येदियुरप्पा पर कटाक्ष करते हुए कहा, लगता है नेता प्रतिपक्ष जल्दबाजी में हैं.
बताया जा रहा है कि भाजपा को इस बात की आशंका है कि सत्तारूढ़ गठबंधन चर्चा को ज्यादा से ज्यादा लंबा खींच सकता है ताकि उसे विश्वास मत पर मतदान से पहले ज्यादा से ज्यादा संख्याबल जुटाने का समय मिल सके. सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें उस वक्त और बढ़ गयी जब कांग्रेस के एक अन्य विधायक श्रीमंत पाटिल सदन से गैर-हाजिर दिखे. उनके बारे में ऐसी खबरें आ रही हैं कि उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गौरतलब है कि 12 बागी विधायक मुंबई के ही एक होटल में ठहरे हुए हैं. कांग्रेस-जदएस सरकार को समर्थन दे रहे बसपा विधायक महेश भी सदन में नहीं आये. उनके बारे में खबरें आ रही हैं कि वह सदन से गैर-हाजिर इसलिए हैं क्योंकि उन्हें विश्वास मत पर कोई रुख तय करने को लेकर पार्टी प्रमुख मायावती से कोई निर्देश नहीं मिला है. शक्ति परीक्षण से एक दिन पहले गठबंधन को थोड़ी राहत देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ रहेंगे और विश्वास मत पर मतदान के दौरान सरकार का समर्थन करेंगे.
प्रस्ताव पेश करने के बाद जब कुमारस्वामी ने अपना संबोधन शुरू किया तो कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कर्नाटक राजनीतिक संकट को लेकर बुधवार को उच्चतम न्यायालय की ओर से दिये गये आदेश के बाबत व्यवस्था का बिंदु उठाते हुए कहा कि इस आदेश ने व्हिप जारी करने के उनके अधिकार में दखल दिया है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने व्हिप के बारे में कोई जिक्र नहीं किया, लेकिन यह कहा कि 15 बागी विधायकों को सत्र में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता और इस पर फैसला लेने का विकल्प उन पर छोड़ दिया गया. सिद्धरमैया ने कहा, यह (अदालत का आदेश) संविधान (दल बदल निरोधक कानून) की 10वीं अनुसूची के तहत व्हिप जारी करने के मेरे अधिकार में दखलंदाजी है.
पूर्व मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के बीच बार-बार तीखी नोंकझोंक होती रही. भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि सिद्धरमैया की ओर से उठाये गये मुद्दे चर्चा को लंबा खींचने और विश्वास मत में देरी करने की कोशिश है. कांग्रेस और भाजपा ने अपने जिन विधायकों को दूसरे पाले में जाने से बचाने के लिए शहर के रिजॉर्टों में रखा था वे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से कुछ ही देर पहले बसों में सवार होकर विधानसभा परिसर पहुंचे. विश्वास मत से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष येदियुरप्पा ने भरोसा जताया कि यह प्रस्ताव गिर जायेगा. येदियुरप्पा ने कहा, मैं नहीं जानता कि उनकी पार्टी (कांग्रेस-जदएस गठबंधन) क्या करने वाली है, लेकिन हम 105 हैं. वे 100 से कम होंगे. हमें 100 फीसदी यकीन है कि विश्वास मत गिर जायेगा. शक्ति परीक्षण ऐसे समय में हो रहा है जब कल ही उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया कि कांग्रेस-जदएस के 15 बागी विधायकों को विधानसभा के मौजूदा सत्र की कार्यवाहियों में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.