नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार देश की सीमा सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर है. मोदी सरकार ने भारत-चीन सीमा पर रह रहे लोगो को लेकर एक योजना बनायी है. मोदी सरकार ने भारत-चीन सीमा के पास रह रहे लोगों को सेना की ट्रेनिंग देने की योजना बना रही है. भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में रहने वालों को हथियारों से लैस किए जाने की तैयारी है.
गृह मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से खबर है कि भारत सरकार सीमा के पास बसी आबादी को पैरा मिलिट्री फोर्स की ट्रेनिंग देगी. वहां रह रहे लोगों को यह भी सिखाया जाएगा कि मुश्किल समय में हथियारों का इस्तेमाल कैसे किया जाए.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,सीमा पर बसे लोग ही आस पास की गतिविधियों से हमें अपडेट रखते हैं. उन्होंने कहा कि दुश्मन के हर कदम पर नजर रखने में यही लोग हमारी सहायता करते हैं.
सरकार भारत-चीन सीमा से लगे छिटपुट आबादी वाले इलाकों में लोगों को बसाने और उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है ताकि सीमा पर संदिग्ध गतिविधियां देख कर वे सुरक्षा बलों को उसकी सूचना दे सकें. एक सरकारी सूत्र ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई अनिवार्य हो गई है क्योंकि 3499 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा पर अनेक ऐसे इलाके है जहां कोई आबादी नहीं है. कुछ इलाकों में या तो कोई आबादी नहीं है. उसी तरह कुछ इलाकों में कोई आबादी है भी तो छिटपुट है.
सुरक्षा बल गांव वालों को सीमा के निकटतर जाने और सरहद पार की गतिविधियों पर तथा चीन के सुरक्षा गार्डों की गतिविधियों के प्रति चौकसी रखने के लिए प्रेरित करेंगे. सूत्रों ने बताया, गांव वालों को बलों के आंख और कान बनने का और जब भी कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर सूचित करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के कदम से सुरक्षा बलों के लंबी गश्त पर जाने पर सीमा पर चौकसी रखने की समस्या खत्म हो जाएगी.
सरकार उन लोगों के लिए सडकें बनाने, पेयजल और बिजली की आपूर्ति करने की योजना बना रही है जो सीमा से लगे इलाकों में बसने के लिए उत्सुक हैं. सूत्रों ने बताया कि मूलभूत ढांचे की कमी के चलते ढेर सारे ग्रामीण अंतरराष्ट्रीय सीमा से दूर हट गए और सीमा से 50-50 किलोमीटर दूर रहने लगे. इससे वहां शून्यता आ गई. बहरहाल, सूत्रों ने सीमा से लगे इलाकों में सुरक्षा बलों के आंख और कान बनने के इच्छुक लोगों को हथियारों का प्रशिक्षण देने की संभावना खारिज कर दी.