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सावधान! तेजी से पांव पसार रहा है NiPah वायरस, जानें बचाव के तरीके

नयी दिल्ली : देश में निपाह वायरस की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत से लोगों में दहशत है. जानकारी के अनुसार केरल के कोझीकोड में यह वायरस तेजी से पांव पसार रहा है. यहां 25 लोगों के खून में निपाह वायरस होने की पुष्टि भी हुई है. निपाह वायरस की आहट के […]

नयी दिल्ली : देश में निपाह वायरस की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत से लोगों में दहशत है. जानकारी के अनुसार केरल के कोझीकोड में यह वायरस तेजी से पांव पसार रहा है. यहां 25 लोगों के खून में निपाह वायरस होने की पुष्टि भी हुई है.

निपाह वायरस की आहट के बाद केरल सरकार ने केंद्र से मदद की गुहार लगायी जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एनसीडीसी की टीम को केरल भेजने का आदेश जारी कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो, निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है.

1998 में पहली बार मलेशियाके कांपुंग सुंगई निपाह में इसके मामले देखने का मिले थे. यही कारण है कि इसका नाम निपाह वायरस दिया गया. 2004 में निपाह वायरस का मामला बांग्लादेश में भी सामने आ चुका है.

आप भी जानें क्या है निपाह वायरस
निपाह मनुष्‍यों और जानवरों में फैलने वाला एक गंभीर वायरस है जो एन्सेफलाइटिस का कारण होता है, इसलिए इसे ‘निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस’ के नाम से भी पुकारा जाता है. ‘निपाह वायरस’ हेंड्रा वायरस से संबंधित है. यह इंफेक्‍शन फ्रूट बैट्स के द्वारा फैलता है. शुरुआती जांच के अनुसार खजूर की खेती से जुड़े लोगों को ये इंफेक्‍शन जल्द ही अपनी चपेट में ले लेता है. इस वायरस के कारण 2004 में बांग्लादेश में काफी लोग प्रभावित हुए थे. पहले इसका असर सुअरों में भी पाया गया था.

निपाह वायरस के क्या हैं लक्षण

इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने की दिक्कत होने लगती है और बाद में दिमाग में जलन महसूस होती है. वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मरीज की मौत भी हो सकती है. इंसानों में निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से ब्रेन में सूजन होने लगती है. बुखार, सिरदर्द, चक्‍कर आना शुरुआती लक्षणों में पाया गया है. डॉक्टरों के अनुसार कुछ मामलों में 24-28 घंटे के अंदर लक्षण बढ़ने पर मरीज के कोमा में भी चले जाने की संभावना बढ़ जाती है.

ऐसे करें बचाव

अब तक इस वायरस से जुड़ी कोई वैक्सीन बाजार में उपलब्ध नहीं है. इस वायरस से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए. पेड़ से गिरे फलों को बिलकुल भी नहीं खाना चाहिए. यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में प्रसार करता है. इसे रोकने के लिये संक्रमित रोगी से दूरी बनाए रखने की आवश्‍यकता है. मरीज का देखभाल वायरस से ठीक करने का एकमात्र तरीका है. संक्रमित जानवर खासकर सुअर से हमेशा दूरी बनाए रखें.

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